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दुनिया के सात अजूबे कौन हैं – Seven Wonders of World in Hindi

आज भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें दुनिया के 7 अजूबों को बारे में जानकारी नहीं है. सबसे पहले करीब 2200 साल पहले दुनिया के सात अजूबे आए थे. प्राचीन विश्व में इन सात अजूबों का विचार सबसे पहले हेरोडोटस और कल्लिमचुस को आया था. उस समय के सात अजूबें के नाम यहां बताते हैं.

विश्व के पुराने 7 अजूबे – Seven Wonders of World in Hindi

  1. ग्रेट पिरामिड ऑफ गिजा
  2. हैंगिंग गार्डन ऑफ बेबीलोन
  3. टेंपल ऑफ आर्टेमिस
  4. माउसोलस का मकबरा
  5. स्टैचू ऑफ जीउस अट ओलम्पिया
  6. कोलोसुस ऑफ रोडेज
  7. लाइटहाउस ऑफ अलेक्सान्दिरा

इन सात अजूबों में 6 अजूबे नष्ट हो चुके हैं और एकमात्र ग्रेट पिरामिड ऑफ गिजा ही बचा हुआ है। इसे 7 अजूबों से अलग अलग स्थान दिया गया है।

विश्व के नए 7 अजूबे – Seven Wonders of World in Hindi

साल 1999 में दुनिया के 7 अजूबों को चुनने की पहल शुरू हुई। यह पहल स्वीटरजरलैंड से की गई थी और इसके लिए स्वीटरजरलैंड के ज्यूरिक में ‘न्यू 7 वंडर फाउंडेशन’ बनाया गया था। इस फाउंडेशन द्वारा एक साइट बनवाई गई जिसमें दुनिया के 200 धरोहरों की एक सूची बनाई गई और एक पोल शुरू किया गया। इस पोल में इन 200 एंट्री में से 7 एंट्री को चुनना था।

‘न्यू 7 वंडर फाउंडेशन’ के मुताबिक इस परियोजना में करीब 100 मिलियन लोगों ने अपना वोट दिया था। वोटिंग की यह प्रक्रिया 2007 तक चली थी, जिसका रिजल्ट 7 जुलाई 2007 को लिस्बन, पुर्लगाल में सामने आया था। इसके रिजल्ट की घोषणा कैनाडियन-स्वीस बरनार्ड वेबर के नेतृत्व में एक सर्वेक्षण के बाद की गई थी। ये रहे उन अजूबों के नाम।

1. रोम का कोलोसियम – Seven Wonders of World in Hindi

रोम का कोलोसियम, रोम के इडली में बसा एक विशाल स्टेडियम है। इसका निर्माण 72 AD से 80 AD के बीच पूरा हुआ था। ओवल आकार में बनी इस विशाल आकृति का निर्माण कंक्रीट व रेत से हुआ था। प्राकृतिक आपदा भूकंप ने इस आकृति को क्षति पहुंचाई थी लेकिन आज भी इसकी विशालता कायम है। यहां करीब 50 हजार से 80 हजार लोगों के बैठने की जगह है। यहां विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद, जानवरों की लड़ाई आदि होते रहते हैं। यह विशाल आकृति 24 हजार वर्गमीटर में फैला है।

2. चिचेन इत्जा

यह मैक्सिको में बसा हुआ एक बहुत पुराना मयान मंदिर है, जिसका निर्माण 600 AD में हुआ था। चिचेन इत्जा माया का सबसे बड़ा शहर है और यहां की जनसंख्या भी बहुत ज्यादा है। चिचेन इत्जा मैक्सिको में सबसे पुराने पुरातात्विक स्थलों में से एक है। यह मैक्सिको के युकान्तन स्टेट में स्थित है। माया मंदिर चिचेन इत्जा 5 किलोमीटर में फैला हुआ है। इसकी ऊंचाई 79 फीट है। यह पत्थरों से पिरामिड की आकृति का बना है। इस मंदिर में उपर जाने के लिए चारों दिशाओं में कुल 365 सीढ़ियां हैं। मान्यता है कि इसकी हर सीढ़ी एक दिन का प्रतीक है।

3. चीन की दिवार

चीन की दिवार दुनिया में बहुत प्रसिद्ध है। यह दिवार वहां के शासकों द्वारा अपने राज्य की रक्षा के लिए कई हिस्सों में बनाई गई थी। लेकिन धीरे-धीरे इसे जोड़ दिया गया। सभी एक साथ जुड़ने के बाद किलानुमा आकृति हो गई है। इस दिवार का निर्माण 7वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक हुआ था। इसकी मजबूती और विशालत को देखते हुए इसे ग्रेट वाल ऑफ चाइना कहा जात है। 6400 किलोमीटर में फैली चीन की दिवार का निर्माण, ईंट, मिट्टी, पत्थर, लकड़ी समेत अन्य मटेरियल से किया गया है। इसकी ऊंचाई 35 फीट है।

4. पेट्रा – Seven Wonders of World in Hindi

पेट्रा शहर की कलाकृति सात अजूबों में शामिल है। साउथ जॉर्डन में बसा यह शहर ऐतिहासिक और पुरातात्विक शहर है। यहां चट्टानों को काटकर वास्तुकला का निर्माण किया गया है। इसके अलावा यहां पानी की नालीनुमा प्रणाली है और यही कारण है कि यह शहर इतना प्रसिद्ध है। यह शहर जॉर्डन का मुख्य आकर्षण है। यहां प्रति वर्ष बहुत सारे पर्यटक आते हैं। यहां के ऊंचे-ऊंचे मंदिर, तालाब व नहरें पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है।

5. ताजमहल

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल भारत की शान है। यह आगरा में स्थित है और इसकी खूबसूरत कलाकृति और आकृति ही लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इसका निर्माण 1632 में हुआ था, जिसे मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। इसे बनाने में 15 साल का समय लगा था। इसे बनाने के बाद शाहजहां ने निर्माण से जुड़े सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि वे ऐसा कुछ दूसरा न बना सकें।

6. क्राइस्ट दी रिडीमर

क्राइस्ट दी रिडीमर ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में माउंट कोरकोवाडो के उपर स्थित है। यह स्टैच्यू या क्रिस्टो रिडेंटोर जीसस की आर्ट डेको-स्टाइल प्रतिमा है। 130 फुट की प्रबलित कंक्रीट व सोपस्टोन प्रतिमा का डिजाइन हेइटर दा सिल्वा कोस्टा ने किया था। मूर्ति का निर्माण कार्य 1922 में आरंभ हुआ था, जिसका वजन 635 मीट्रिक टन है। यह पूरी दुनिया के ईसाई धर्म का बहुत बड़ा प्रतीक है।

7. माचू पिच्चु – Seven Wonders of World in Hindi

यह दक्षिण अमेरिका के पेरू में ऊंची चोटी पर स्थित शहर हुआ करता था। 15वीं शताब्दी के समय समुद्र तल से 2430 मीटर ऊंचाई पर माचू पिच्चु में इंका सभ्यता रहा करती थी। कहा जाता है कि इसका निर्माण राजा पचाकुती ने 1400 के आस पास हुआ था। उनके शासक यहां रहा करते थे। उस वक्त इंका वहां जाती रहती थी। करीब 100 साल बाद स्पेन ने इस पर विजय प्राप्त की और इसे ऐसे ही छोड़ कर चले गए। जिस कारण यहां रहने वाली सभ्यता भी नष्ट हो गई। लेकिन साल 1911 में अमेरिका के इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज कर इसे दुनिया के सामने लाया। फिर 1983 में यूनेस्को ने इसे विश्व की धरोहर घोषित कर दिया।