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CBI: क्या है सीबीआई और कैसे करती है काम

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (सीबीआई) देश की सबसे बड़ जांच एजेंसी है. यह कार्मिक विभाग, कार्मिक पेंशन व लोक शिकायत मंत्रालय भारत सरकार के अधीन काम करने वाली प्रमुख जांच एजेंसी है. यह एक नोडल पुलिस एजेंसी है, जो इंटरपोल के सदस्य-राष्ट्रों के अन्वेषण का समन्वय भी करती है.

सीबीआई आपराधिक व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न प्रकार के मामलों की जांच करती है. इसका संगठन फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन से मिलता है. जहां तक अधिकार क्षेत्र की बात है तो फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन की तुलना में इसके अधिकार क्षेत्र काफी सीमित हैं.

सीबीआई की आवश्यकता क्यों? – CBI in Hindi

कहा जाता है कि दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत में ही ब्रिटिश सरकार के खर्चों में तेजी से वृद्धि हुई थी. जिस कारण देश में भ्रष्ट कारोबारियों व सरकारी अधिकारियों की लूट-खसोट बढ़ गई थी. स्थानीय पुलिस इस तरह के मामलों की जांच-पड़ताल करने में समर्थ नहीं थी. यही वजह है कि ब्रिटिश सरकार को एक दक्ष और विशेष पुलिस बल की आवश्यकता महसूस हुई.

इसके बाद साल 1941 में विशेष पुलिस (स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट-एसपीआई) की स्थापना की गई. युद्ध के बाद के सालों में एक केंद्रीय जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की गई. फिर साल 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम अस्तित्व में आया. इस अधिनियम ने विशेष पुलिस स्थापना की देखरेख की जिम्मेवारी गृह विभाग को हस्तांतरित कर दिया. फिर इसके कार्यों की परिधि में भारत सरकार के सभी विभागों को शामिल किया गया.

इसे राज्यों की सहमति से राज्य में भी लागू किया जाता है. इसके बाद फिर वर्ष 1963 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना का नाम परिवर्तित कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सेंट्रल ब्यूरो ऑप इंवेस्टिगेशन) किया गया. सीबीआई की कार्यक्षेत्र आज भी 1946 में बने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम से ही निर्धारित होता है.

सीबीआई कब अपनी जांच शुरू करती है? – CBI Investigation Process in Hindi

सीबीआई उन अपराधों की जांच करता है जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित है. सीबीआई को विशेष परिस्थियों में ही जांच की अनुमति दी जाती है. जैसे लंबे समय तक स्थानीय पुलिस से केस सॉल्व नहीं होने पर या फिर पुलिस की जांच पर सवालिया निशान होने पर. सीबीआई तीन स्थितियों में कोई प्रकरण अपने हिस्से ले सकती है. पहला अगर राज्य सरकार खुद केंद्र से सिफारिश करे, दूसरा राज्य सरकार सहमति दे व तीसरा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सीबीआई की जांच का आदेश दे. लेकिन इन सभी के लिए केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य होती है.

सीबीआई की कार्यप्रणाली – CBI Work Prosedure

वर्ष 1946 का यह अधिनियम सीबीआई के कार्य व शक्तियों को संचालित करता है. 6 खंडों वाला यह छोटा सा कानून है. यह एजेंसी को सिर्फ उन अपराधों की जांच करने की इजाजत देता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित हो. किसी राज्य सरकार की सहमति के बगैर यह एजेंसी किसी भी क्षेत्र में अपनी शक्तियों व अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इसका मतलब है कि अगर किसी राज्य में किसी मामले उसे जांच करनी है तो उसे उक्त राज्य सरकार की विशिष्ट अथवा सामान्य स्वीकृति की जरूरत होगी. सीबीआई संसद सदस्य की भी जांच कर सकती है.

सीबीआई किसी मामले को कब हाथ में ले सकती है?

निम्नलिखित स्थितियां उत्पन्न होने पर ही सीबीआई किसी मामले की जांच में सामने आती है. जैसे – जहां अपराध की जांच होनी है वहां की राज्य सरकार, इस आशय का आवेदन करती है कि किसी मामले की जांच हो और केंद्र सरकार इससे सहमत होती है. राज्य सरकार डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के तहत सहमति की अधिसूचना जारी करती है एवं केंद्र सरकार डीएसपीई अधिनियम की धारा 5 के तहत अधिसूचना जारी करती है. सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय इस तरह की जांच का आदेश सीबीआई को देता है.

सीबीआई किस तरह के मामलों की देखती है?

अब तक हमने समझा कि जिन कानूनों के तहत सीबीआई अपराध की जांच कर सकती है, वो केंद्र सरकार द्वारा डीएसपीई अधिनियम की धारा 3 के तहत अधिसूचित हैं. सीबीआई समय के साथ एक बहु-विषयक जांच एजेंसी के रूप में विकसित हुई है. आज सीबीआई के पास अपराध की जांच के लिए तीन विभाग हैं. जैसे–

1. भ्रष्ट्राचार-निरोधी प्रभाग – CBI Departments in Hindi

यह प्रभाग, भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत सार्वजनिक अधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केंद्र सरकार, निगमों व निकायों, जो भारत सरकार के नियंत्रण में है, उनके कर्मचारियों के खिलाफ मामलों की जांच के लिए है. सीबीआई का यह सबसे बड़ा प्रभाग है. भारत के लगभग सभी राज्यों में इस एजेंसी की उपस्थिति है.

2. आर्थिक अपराध प्रभाग – CBI Departments in Hindi

प्रमुख वित्तीय घोटालों, गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी, जिसमें नकली भारतीय मुद्रा नोट, साइबर अपराध और बैंक धोखाधड़ी से संबंधित तमाम अपराध शामिल हैं. इन सभी मामलों की जांच के लिए ही यह प्रभाग काम करता है.

3. विशेष अपराध प्रभाग – CBI Departments in Hindi

यह प्रभाग राज्य सरकार के अनुरोध पर या सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश पर, भारतीय दंड संहिता व अन्य कानून के तहत सनसनीखेज, गंभीर व संगठित अपराध की जांच के लिए काम करता है.

क्या सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट भी सीबीआई जांच के आदेश दे सकता है?

सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट जब निर्देश देता है कि एक विशेष मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए तो डीएसपीई अधिनियम के तहत किसी भी राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं होती है.