कब मनाया जाता है बाल दिवस? – Children’s Day Essay In Hindi
बाल दिवस का इतिहास – Children’s Day Essay In Hindi
बाल दिवस का पालन विश्व स्तर पर किए जाने का प्रस्ताव श्री वी कृष्णन मेनन ने दिया था. इसके बाद पहली बार बाल दिवस का पालन अक्टूबर में हुआ था. फिर इसे सभी देशों में स्वीकृति मिलने के बाद संयुक्त महासभा द्वारा 14 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस घोषित हुआ. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा बच्चों के अधिकारों का हनन रोकने के लिए उनके अधिकारों की भी घोषणा की गई. इस घोषणा के आधार पर ही पूरे विश्व ने बाल दिवस मनाए जाने की बात को स्वीकार कर ली.
हमारे देश में 18 से कम उम्र के बच्चों को काम करने की इजाजत नहीं है बावजूद इसके यहां बाल श्रमिकों की संख्या में कोई कमी नहीं है. बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिवस का पालन आवश्यक है. चूकि बच्चे ही देश के भविष्य होते हैं इसलिए अगर वे छोटी उम्रे में ही काम करना शुरू कर देंगे तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. सामान्य शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार सभी को है, तभी तो हमारा देश तरक्की करेगा.
बाल दिवस का महत्व – Children’s Day Essay In Hindi
भारत में बाल दिवस कार्यक्रम – Children’s Day Essay In Hindi
दुनियाभर में बाल दिवस कार्यक्रम – Children’s Day Essay In Hindi
दुनियाभर में बाल दिवस का पालन अलग-अलग दिनों पर किया जाता है. तारीख भले ही अलग हो लेकिन इसका मकसद एक होता है. बाल दिवस मनाने का मूल मकसद बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें तमाम बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है.
विश्व स्तर पर पहली बार बाल दिवस कार्यक्रम जून 1857 में अमेरिका के मैसाच्युसेट्स शहर में पादरी डॉ चार्ल्सलेनर्ड द्वारा आयोजित किया गया. जबकि जून के दूसरे रविवार को आयोजन के कारण इसे पहले फ्लावर संडे का नाम मिला था. लेकिन बाद में इसके नाम को बदलकर चिलड्रेन्स डे कर दिया गया.
ठीक इसी तरह विश्व के विभिन्न देशों में अपनी महत्ता और मान्यताओं के मुताबिक इसे अलग-अलग दिन में मनाया जाता है. कई सारे देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश भी होता है पर हर जगह इसके आयोजन का अर्थ एक ही होता है, यानी बाल अधिकारों की रक्षा करने के लिए आगे आना और लोगों मेंइस विषय के प्रति जागरुकता फैलाना. यही वजह है कि बाल दिवस का यह कार्यक्रम पूरे विश्व में इतना लोकप्रिय है और हर देश में इसे काफी उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है.
निष्कर्ष – Children’s Day Essay In Hindi
चिल्ड्रेंस डे कोई साधारण दिन नही है बल्कि यह हमारे देश की भावी पीढ़ी को उनके अधिकारों का ज्ञान देने के लिए निर्धारित किया हुआ एक विशेष दिन है. भारत जैसे विकासशील देश में इसका महत्व बहुत ज्यादा है क्योंकि यहां की उभरती हुई अर्थव्यवस्था के कारण बाल मजदूरी और बाल अधिकारों के शोषण की नित्य ही कोई ना कोई घटना सुनने को मिलती है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम ना सिर्फ बच्चों को बल्कि उनके अभिभावकों को भी बच्चों के मौलिक अधिकारों के विषय में पूरी जानकारी दें और उन्हें इस विषय में अधिक से अधिक जागरुक करने का लगातार प्रयास करते रहें.