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ईयरफोन से लगातार गाना सुनना हो सकता है खतरनाक, क्योंकि…

“यार कल मेरा साइंस का एग्जाम है और मेरा सिलेबस भी पूरा नहीं है. बहुत टेंशन हो रही है यार…बता ना क्या करूं?

सुन एक काम कर…आराम से एक-दो घंटे कानों में ईयरफोन लगा और अपने पसंद के गाने सुन. देखना तेरा टेंशन कहां चला जाएगा तुझे पता भी नहीं लगेगा!”

ये बातचीत आपने अक्सर आजकल के युवाओं के बीच सुनी होगी. बदलते लाइफस्टाइल में युवा अपना टेंशन दूर करने के लिए संगीत का सहारा ले रहे हैं और ईयरफोन लगाकर गाने का आनंद ले रहे हैं. लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि आपका ईयरफोन लगाकर गाने सुनना आपके लिए खतरनाक हो सकता है तो आपको कैसा लगेगा. जाहिर सी बात है आप थोड़ा चौंक जाएंगे. लेकिन ये हकीकत है, अगर आप लगातार कानों में ईयरफोन लगाकर गाने सुन रहे हैं तो ये आपको बहुत जल्द बहरा बना सकता है.

कान के पर्दों में छेद होने का खतरा – Regular use of earphones

एक शोध में पता लगा है कि ईयरफोन का घंटों तक इस्तेमाल आपके सुनने की शक्ति को पूरी तरह खत्म कर सकता है. इससे आपको तरह-तरह की बीमारियां हो सकती हैं. मसलन कम सुनाई देना, कान में दर्द होना, कान में इंफेक्शन, सिरदर्द, नींद कम आना इत्यादि.

ईयरफोन की आवाज तेज होती है और यही तेज आवाज कान के पर्दों को नुकसान पहुंचाती है. कान के पर्दे बहुत संवेदनशील होते हैं. एक निश्चित सीमा तक वो किसी भी ध्वनि को सुनने की क्षमता रखते हैं लेकिन अगर वो ध्वनि ज्यादा हो जाए तो फिर कान के पर्दों में छेद होने का खतरा रहता है.

हो सकती है दिल की बीमारी – Regular use of earphones

एक परेशान करने वाला तथ्य है कि आपको ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से दिल की बीमारी होने का भी डर है. दरअसल तेज आवाज में गाना सुनने की वजह से हार्ट बीट तेज हो जाती है और आपका दिल नॉर्मल स्पीड से ज्यादा तेजी से धड़कने लगता है. ऐसा होने पर आपके दिल में आंतरिक रूप से परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इसलिए डॉक्टर ईयरफोन के कम उपयोग की सलाह देते हैं.

ईयरफोन से गाने सुनने में कोई गलत बात नहीं है लेकिन ये नुकसानदेह तब है, जब ये ज्यादा यूज होने लगे. इसका ज्यादा इस्तेमाल आपके सुनने की क्षमता को 40 से 50 डेसिबल तक कम कर देता है. डेसिबल कुछ और नहीं, बल्कि एक यूनिट है जिससे ध्वनि को मापा जाता है. ज्यादा ईयरफोन से गाने सुनेंगे तो आपको दूर की आवाज सुनने में तकलीफ होगी. आपको दूर की आवाज कम सुनाई देगी.

आमतौर पर कान 65 डेसिबल की ध्वनि को ही सहन कर सकता है लेकिन ईयरफोन पर अगर 90 डेसिबल की ध्वनि 40 घंटे से ज्यादा सुनी जाए तो कान की नसें पूरी तरह डेड हो जाती हैं.

युवाओं को सावधान रहने की जरूरत – Regular use of earphones

आप हैरान होंगे लेकिन एक रिसर्च में ये भी सामने आया है कि ईयरफोन के बार-बार और घंटों के इस्तेमाल से हृदय रोग और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. अगर आंकड़ों की बात करें तो ज्यादातर डॉक्टर्स ये मानते हैं कि आजकल 50 फीसदी युवाओं के कान में होने वाली समस्या का कारण ईयरफोन का ज्यादा प्रयोग ही है.
WHO के अनुसार, दुनिया में 1.1 अरब युवाओं पर तेज आवाज की आदतों की वजह से बहरेपन का खतरा मंडरा रहा है और इसके इलाज में 75 करोड़ डॉलर खर्च होने का अनुमान है.

डॉक्टर्स का मानना है कि ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल आपकी मानसिक शक्ति को कमजोर कर देता है क्योंकि जब आप ज्यादा देर तक तेज आवाज में गाने सुनते हैं तो इससे आपके दिमाग पर असर पड़ता है और धीरे-धीरे आपकी मानसिक शक्ति कम होती चली जाती है.

ईयरफोन के इस्तेमाल की वजह से हादसों की खबरें भी आपने खूब देखी होंगी. कुछ आंकड़े बहुत डराते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में सिर्फ दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ईयरफोन में गाने सुनने में मगन होने की वजह से 379 लोगों की जान चली गई. वहीं चेन्नई में तो ये आंकड़ा 600 लोगों का है.

ईयरफोन का कितना और कैसा करें इस्तेमाल? – Regular use of earphones

अगर आपको ईयरफोन का इस्तेमाल करना ही है तो इसे धीरे-धीरे कैसे कम इस्तेमाल करें इसके बारे में सोचिए. दिनभर में सिर्फ एक घंटे ही ईयरफोन का इस्तेमाल करिए. और एक घंटे के इस्तेमाल में भी बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें ताकि आपके कानों को आराम मिल सके. यही नहीं, अच्छी क्वालिटी के ही हेडफोन्स या ईयरफोन्स बाजार से खरीदें, क्योंकि क्वॉलिटी का भी काफी फर्क पड़ता है. अगर आपके कानों में ईयरफोन के इस्तेमाल से तकलीफ हो तो डॉक्टर से फौरन सलाह लें, वरना ये बाद में आपके लिए घातक साबित हो सकता है.

तो आपने देखा कि कैसे ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल घातक है. अगर आपका भी ईयरफोन से जुड़ा कोई अनुभव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं!