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राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत में क्या अंतर है?

राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत दोनों ही अलग-अलग होते हैं. लेकिन हम इसे कई बार एक ही मान बैठते हैं. 26 जनवरी हो या 15 अगस्त, हम इसे सुनते हैं और गुनगुनाते भी हैं. आप भले ही इसके अंतर को जानते होंगे लेकिन ज्यादातर लोग इसे समझने में धोखा खा जाते हैं. यहां हम इन दोनों के बीच के अंतर को समझने की कोशिश करते हैं.

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में जो सबसे बड़ा अंतर है वो ये कि राष्ट्रगान को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. वहीं राष्ट्रीय गीत को नेशनल सांग का दर्जा मिला हुआ है. जानते ही होंगे कि ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान है तो वहीं ‘वन्दे मातरम्’ राष्ट्रीय गीत है.

राष्ट्रगान – जन गण मन (National Anthem)

राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ जिसे रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था. 24 जनवरी 1950 को इसे नेशनल एंथम के रूप में स्वीकार किया गया. इसे पहली बार कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था. राष्ट्रगान को गाने व बजाने के कई नियम हैं. इसे गाने के नियमों का उल्लंघन अपराध माना जाता है. बता दें कि राष्ट्रगान को 52 सेकेंड में गाया जाता है.

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राष्ट्रगीत – वन्दे मातरम् ( National Song)

बंकिम चन्द्र चटर्जी लिखित उपन्यास आनंदमठ में लिखी एक कविता है, ‘वन्दे मातरम्’. इसे भी टैगोर ने ही स्वरबद्ध किया और इसे पहली बार 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया. 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला. वन्दे मातरम् को लेकर कोई ख़ास नियम या कानून नहीं है. इसे आप अपने हिसाब से कही भी गा सकते हैं.

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