आप दिन भर चाहे कुछ करते हों या नहीं लेकिन फेसबुक जरूर चलाते होंगे. आज फेसबुक कोई ना चलाए ऐसा हो नहीं सकता. मेट्रो में फेसबुक, ट्रेन में भी फेसबुक, खाने में फेसबुक, पीने में फेसबुक. आप कुछ भी कर रहे होते हैं तो उसकी जानकारी फेसबुक के जरिए अपने दोस्तों और जानने वालों को जरूर देते हैं. एक बढ़िया फ़ोटो के साथ शानदार सा फेसबुक कैप्शन लिखा होता है. और तो और अब तो घरों में मम्मी, पापा, चाचा, ताऊ सबके अकाउंट बन गए हैं फेसबुक पर. यही नहीं, अब लोग अपना पार्टनर भी फेसबुक पर खोज रहे हैं आजकल! (Ways to impress girls on facebook)
वैसे तो फेसबुक दोस्त बनाने का ही अड्डा है. लोग लड़कियां पटाने के लिए भी फेसबुक का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. लड़की पट जाए इसके लिए जतन पर जतन किए जा रहे हैं. लड़के अपनी पार्टनर को पाने की चक्कर में कुछ भी करने को तैयार हैं. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको यही बताएंगे कि आखिर लड़के कौन-कौन से तिकड़म लगा रहे हैं!
इस हद तक गुजर रहे हैं लड़के – Ways to impress girls on facebook
फेसबुक पर लड़कियां जल्दी किसी लड़के से बात नहीं करती. इसके पीछे सौ कारण भी होते हैं. फ्रॉड का डर होता है. निजी जानकारी भी सार्वजनिक हो सकती है. हालांकि लड़के भी कम नही हैं. अगर लड़कों को लड़की से बात शुरू करनी है तो सबसे पहले तो वो खुद ही लड़की को मैसेज भेजते हैं. अगर हाय, हैलो तक बात सही रही तो मामला आगे भी बढ़ जाता है. कभी-कभी ये गहरी दोस्ती में भी तब्दील हो जाता है.
अगर ऐसा नहीं हुआ तो लड़के अपनी दोस्त की फेसबुक आईडी से लड़की को पहले रिक्वेस्ट भेजेंगे. अगर लड़की ने स्वीकार कर ली फ्रेंड रिक्वेस्ट तो उसके बाद बातचीत शुरू. कभी-कभी ये ट्रिक बहुत काम कर जाती है. हालांकि जब बाद में लड़की को सच्चाई पता चलती है तो उसे बहुत दुख होता है. वो लड़के से यही पूछती है कि तुमने ये तरीका ही क्यों अपनाया. लड़ाई का सिलसिला देर तक भी चलता है. अगर दोस्ती हो गयी है तो लड़की कई मौकों पर माफ भी कर देती है.
दोस्त वाली ट्रिक काम नहीं करती तो… – Ways to impress girls on facebook
अगर दोस्त वाली ट्रिक काम नहीं करती तो लड़के लड़की को पटाने के लिए फेसबुक पर ही फेक आईडी बनाते हैं. फिर उस आईडी से लड़की को रिक्वेस्ट भेजते हैं. फिर अगर रिक्वेस्ट एक्सेप्ट हो गयी तो बातचीत शुरू. इसे अगर दूसरी भाषा में परिभाषित करें तो ये एक तरह का ब्लफ कहलाएगा. इसमें लड़का शुरुआत में अपनी पहचान बिल्कुल छुपाकर रखता है. वो लगातार बात करता रहता है. जब दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी होती है तब जाकर राज से पर्दा उठता है.
अपनी दोस्त की आईडी से बात करना और फर्जी आईडी बनाने में फर्क क्या है? जब आप अपने दोस्त की आईडी से बात करते हैं तो वो लड़की आपके दोस्त को बातचीत के दौरान जान जाती है. उसकी जानकारी इकट्ठा कर लेती है. जब आदमी सच्चा है तो उसे जानकारी भी सच्ची देनी होती है. लेकिन फर्जी में ऐसा कुछ नहीं होता. फर्जी आईडी में लड़के गलत जानकारी बताकर बहका देते हैं.
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लड़के-लड़कियों के नाम से आईडी – Ways to impress girls on facebook
यही नहीं, लड़के-लड़कियों के नाम से आईडी तक बनाते हैं. लड़की की आईडी से लड़कों को फायदा ये होता है कि जिस लड़की को वो रिक्वेस्ट भेज रहे होते हैं वो उसे लड़की (लड़के को लड़की समझकर) रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लेती है और फिर दोनों के बीच बातें शुरू हो जाती हैं. फेसबुक पर आज की तारीख में बहुत से लड़के लड़कियों के नाम से ही आईडी बनाकर अपना काम चला रहे हैं.
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इन सबसे भी जब बात नहीं बनती तो लड़के पहले लड़की की दोस्त से फेसबुक के जरिए दोस्ती करते हैं. फिर जब दोस्ती हो जाती है तब वो लड़की की दोस्त को सारी हकीकत बताते हैं. अगर लड़की मान गयी तो वो अपनी दोस्त तक उस लड़के की बात पहुंचा देती है. हालांकि बहुत से केसेस में बात उल्टी भी पड़ जाती है.
ये तो हमने आपको कुछ तरीके बताए जो लड़के लड़की को पटाने के लिए आजमाते हैं. आपने क्या तरीका आजमाया है, आप भी बताइए हमें नीचे के कमेंट बॉक्स में!