Nostradamus Biography in Hindi: विश्व के इतिहास में ऐसे कई ज्ञानी हुए हैं जिन्होंने भविष्य में होने वाली संभावनाओं की पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी. कईयों की भविष्यवाणियां आज तक सच भी होती आई है. उन्हीं में से एक फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस भी हैं. इन्होंने दुनिया में होने वाली कई सारी घटनाओं के बारे में पहले ही किताब में लिख दिया था.
नास्त्रेदमस जो कि 16वीं शताब्दी में फ्रांस के एक मशहूर भविष्यवक्ता थे. इसके अलावा वे बहुत ही जाने-माने डॉक्टर और ज्ञानी शिक्षक भी थे. यह इतने महान चिकित्सक थे जो प्लेग जैसी बीमारियों का भी इलाज करते थे. ये अपनी कविताओं के माध्यम से भी भविष्य में होने वाली घटनाओं का वर्णन कर दिया करते थे.
शुरुआत में लोग उनकी भविष्यवाणी को गलत बताते थे लेकिन 20वीं शताब्दी में उनकी भविष्यवाणी जब लोगों के बीच सच साबित होने लगी तब वे काफी लोकप्रिय हो गए.
जन्म और आरंभिक जीवन – Nostradamus Biography in Hindi
नास्त्रेदमस का जन्म 24 दिसंबर 1503 में फ्रांस के एक छोटे से गांव सेंट रेमी में हुआ था. बचपन में उन्हें मिशेल दी नास्त्रेदमस कहा जाता था. उनकी माँ का नाम रेनियर डे सेंट रेमी और पिता का नाम जामे दे नास्त्रेदमस था. नास्त्रेदमस मूल रूप से एक यहूदी परिवार से संबंध रखते थे. इनके पिता क्रिस क्रॉस में अनाज के व्यापारी थे. इन्होंने 1459-60 के दशक में कैथोलिक धर्म से परिवर्तित होकर ईसाई धर्म धारण किया था. नास्त्रेदमस बचपन से ही तेज विद्यार्थी थे और उन्होंने लैटिन, यूनानी, हिब्रू के अलावा गणित, शरीर विज्ञान व ज्योतिष शास्त्र से संबंधित कई विषयों में महारत हासिल कर लिया था.
नास्त्रेदमस को बचपन से ही भविष्यवाणी में काफी रूचि थी. लेकिन उनके माता-पिता के लिए यह विषय चिंताजनक था. इसकी वजह थी कि उस वक्त कट्टरपंथी ईसाई लोग भविष्यवाणी करने वालों से घृणा करते थे. ज्योतिष विद्या से ध्यान भटकाने के लिए उनके माता-पिता ने नास्त्रेदमस को शिक्षा की ओर अग्रसर किया.
उन्हें चिकित्सक की पढ़ाई के लिए मांट पेलियर भेजा गया. वहां तीन सालों तक पढ़ाई करने के बाद वे जाने-माने डॉक्टर बन गए. 23 अक्टूबर 1529 को उन्हें मांट पोलियर विश्वविद्यालय में एक शिक्षक के पद के साथ डायरेक्टर का पद भी मिल गया. डॉक्टर बनने के बाद वे लोगों का इलाज भी करने लगे। साथ ही वे शिक्षा प्रदान भी बेहतर तरीके से करते थे.
वैवाहिक जीवन – Nostradamus Biography in Hindi
नास्त्रेदमस की कुछ भविष्यवाणियां – Nostradamus Biography in Hindi
नास्त्रेदमस ने 20वीं और 21वीं शताब्दी से जुड़ी कुछ भविष्यवाणियां की थी जो सच हुई. उनकी कुछ भविष्यवाणियां निम्न हैं:
– इन्होंने अपनी पुस्तक में कविताओं के माध्यम से जर्मनी के तानाशाह हिटलर और अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की अचानक मृत्यु का जिक्र किया था, जो सत्य साबित हुई.
– अपनी किताब में नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्व युद्ध के बारे में लिखा था कि यह युद्ध दो देशों नहीं बल्कि 2 दिशाओं के बीच होगा. इस युद्ध के दौरान बहुत कम लोग ही जीवित रह पाएंगे.
– भारत के संबंध में नास्त्रेदमस की कुछ भविष्यवाणियां जैसे इंदिरा गांधी के बारे में उन्होंने यह जिक्र किया था कि एक ऐसी स्त्री होगी जिसे सत्ता से हटाने के लिए भविष्य में उसकी हत्या कर दी जाएगी.
– उन्होंने अपनी पुस्तक में राजीव गांधी के बारे में वर्णन किया था कि वायु चालक अपना काम छोड़ कर सत्ता में प्रवेश करेगा. उसे प्रसिद्धि तो बहुत मिलेगी लेकिन उसकी हत्या का कारण सिर्फ एक महिला बनेगी.
1857 की क्रांति के बारे में भविष्यवाणी – Nostradamus Biography in Hindi
– भारत की 1857 की क्रांति के बारे में भी नास्त्रेदमस ने लिखा था कि अजनबी आकर साम्राज्य को हथियाने की कोशिश करेंगे जिसके खिलाफ वहां के नागरिक स्वयं ही हथियार उठाएंगे.
– वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में भी उन्होंने लिखा था कि वह व्यक्ति देश से दूर जाएगा परंतु एक पनडुब्बी में छुपकर. उसकी सहायता करने वाले अलग भाषा के लोग होंगे उनकी मदद से ही वह अपने लोगों को रास्ता दिखा पाएगा. साथ ही भयंकर युद्ध में हजारों लोग मौत के घाट उतार दिए जाएंगे.
– नालंदा और तक्षशिला विद्यालयों के बारे में उन्होंने बताया था कि शिक्षा के मंदिरों को तहस-नहस करके उन्हें पूरी तरह जला दिया जाएगा.
– उनकी एक भविष्यवाणी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखा जाता है. उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा था कि भविष्य में एक ऐसा महान व्यक्ति इस धरती पर अवतरण लेगा जो पूरी दुनिया के प्रशंसा का पात्र बनेगा. उस व्यक्ति का जन्म तीन ओर से समुद्र से घिरे हुए स्थान पर होगा अर्थात भारत.
हिंदू धर्म को लेकर भविष्यवाणी – Nostradamus Biography in Hindi
– नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब में जिक्र किया था कि 21वीं सदी में पूरा विश्व हिंदू धर्म की ओर उन्नति करेगा.
– उन्होंने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी भी पहले से ही कर ली थी. इसलिए उन्होंने 17 जून 1566 को अपनी वसीयत बनाकर तैयार कर दी थी. 1 जुलाई को पादरी बुला कर उन्होंने अपने अंतिम संस्कार के सभी दिशानिर्देश पहले ही दे दिए थे. ठीक इसके अगले ही दिन यानी 2 जुलाई 1566 को नास्त्रेदमस की मृत्यु हो गई.
– नास्त्रेदमस की पुस्तक ‘द सेंचुरीज’ में उनके द्वारा करीब 12 शताब्दियों का जिक्र है. उनकी पुस्तक के 800 छंदों से संबंधित भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं.