संत कबीर दास हिंदी साहित्य के विद्वान तो थे ही, वे भारत के महान कवि व समाज सुधारक भी थे. देश में कभी भी धर्म, संस्कृति और भाषा की चर्चा हो और कबीर दास के बिना वो पूरी नहीं हो सकती. इसकी वजह है कि इनके दोहों में भारतीय संस्कृति, समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर भेदभाव मिटाने का प्रयास बखूबी देखने को मिलता है. कबीर (Kabir Das Biography in Hindi) पंथी लोग इनके उपदेश व सिद्धांतों को ही जीवन का आधार मानते हैं.
संत कबीर के उपदेश से समस्त मानव जाति को सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है. इनके उपदेशों से व्यक्ति के अंदर नई ऊर्जा का संचार होता है. इन उपदेशों के माध्यम से ही उन्होंने समाज में फैली बुराइयों का विरोध करते हुए एक आदर्श समाज की स्थापना पर बल दिया.
जन्म को लेकर सही साक्ष्य नहीं – Kabir Das Biography in Hindi
कबीर दास की खूबियां – Kabir Das Biography in Hindi
1. संत कबीर दास कई भाषाओं के ज्ञाता थे. साधु-संतों के साथ विभिन्न स्थानों का भ्रमण करते हुए ही उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान प्राप्त हो गया था. अपने विचार और अनुभव को जाहिर करने के लिए वे हमेशा स्थानीय भाषा का ही व्यवहार करते थे. इनकी भाषा को सधुक्कड़ी भी कहते हैं.
2. कबीर सत्य बोलने वाले व निडर व्यक्ति थे. कटू सत्य कहते हुए वे बिल्कुल नहीं हिचकिचाते थे. उनकी एक खासियत ये भी रही कि वे निंदा करने वालों को अपना मित्र मानते थे.
3. कबीर दास स्थानीय भाषा में ही उपदेश देते और लोगों को समझते थे. समझाते वक्त वे लोगों को जगह-जगह का उदहारण भी देते रहते, ताकि बात उनके अंतर्मन तक पहुंच सके.
4. कबीर की नजर में भगवान से ऊपर गुरु का स्थान है. कबीर ने गुरु के स्थान को कुम्हार का उदाहरण देते हुए समझाया है. जिसमें उन्होंने गुरु के बारे में कहा है कि जो मिट्टी के बर्तन के समान अपने शिष्य को ठोक-पीटकर सुघड़ पात्र में बदल देता है.
5. कबीर वाणी तीन रूपों में लिखा गया है, साखी, सबद और रमैनी. यह बीजक नाम से जाना जाता है. कबीर की रचनाओं का संग्रह आप कबीर ग्रंथावली में भी देख सकते हैं.