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गौतम बुद्ध का जीवन परिचय – Gautam Buddha Biography in Hindi

बुद्ध धर्म की शुरुआत करने वाले गौतम बुद्ध का जीवन हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी है. इन्होंने अपने विचारों से दुनिया को नया रास्ता दिखाया था. गौतम बुद्ध (Gautam Buddha Biography in Hindi) भारत के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु और महान समाज सुधारक के रूप में जाने जाते हैं. ये सांसारिक मोह माया का त्याग कर तपस्वी बन गए और परम ज्ञान की खोज में घर छोड़ जंगलों में चले गए.

नेपाल के लुम्बिनी वन में हुआ जन्म

गौतम बुद्ध का जन्म 483 और 563 ईस्वी पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट नेपाल के लुंबिनी में हुआ था. इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया. नेपाल के तराई क्षेत्र में कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से करीब 8 मील दूर पश्चिम में रुक्मिनदेई नामक स्थान के पास लुम्बिनी वन स्थित था. गौतम बुद्ध के पिता का नाम शुद्योदन सिद्धार्थ था जो शाक्य वंश के राजा थे. जबकि माता का नाम माया देवी था. गौतम बुद्ध के जन्म के सात दिनों के अंदर ही उनकी माता का देहांत हो गया था. मां के मरने के बाद इनका पालन-पोषण मौसी गौतमी ने किया था.

ऐसा रहा प्रारंभिक जीवन – Gautam Buddha Biography in Hindi

इनकी शादी राजकुमारी यशोधरा से हुई थी, जिससे एक बालक जन्म लिया था. उस बालक का नाम राहुल रखा गया. लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद इन्होंने अपनी पत्नी और बेटे को त्याग दिया और रात के वक्त घर राजमहल छोड़कर जंगल की तरफ निकल गए. संसार को जन्म, मरण एवं दुखों से मुक्ति दिलाने के राह की तलाश व दिव्य ज्ञान की खोज में उन्होंने ऐसा कदम उठाया.

इसके लिए उन्होंने कठोर साधनी भी की थी. बहुत सालों तक बोध गया (बिहार) में ‘बोधीवृक्ष’ के नीचे उन्हें कठोर साधना के बाद 35 वर्ष की आयु में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. तभी वे सिद्धार्थ गौतम से गौतम बुद्ध बन गए थे. मान्यता है कि इनके जन्म के 12 वर्ष पहले से ही एक ऋषि ने भविष्यवाणी की थी. ऋषि ने कहा था कि ये बच्चा एक दिन सार्वभौमिक सम्राट या फिर महान ऋषि ही बनेगा. बेटे को तपस्वी बनने से रोकने के लिए उनके पिता ने गौतम बुद्ध को राजमहल की परिधि में रखते थे.

बचपन से ही करुण हृदय थे गौतम बुद्ध

सिद्धार्थ बचपन से ही करुण स्वभाव के थे. उन्हें किसी का दुःख बर्दाश्त नहीं होता था. 21 साल की उम्र में उन्हें कपिलवस्तु की गलियों में चार दृश्य दिखे जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. जिसमें एक दृश्य था वृद्ध विकलांग व्यक्ति, एक रोगी, एक पार्थिव शरीर और एक साधु. इन दृश्यों से सिद्धार्थ को समझ में आ गया था कि सबका जन्म होता है, सबको बुढ़ापा आता है, सभी बीमार पड़ते हैं और अंत में एक दिन सबकी मृत्यु भी निश्चित है. यह सब सोच कर वे इतने दुखी हुए कि उन्होंने अपना समस्त राजपाठ, पत्नी और पुत्र सभी का त्याग करके तपस्वी का जीवन अपना लिया. साधु बनने के बाद गौतम बुद्ध जन्म, बुढ़ापा, बीमारी और मृत्यु से संबंधित सवालों की तलाश में निकल गये.

बौद्ध धर्म के संस्थापक – Gautam Buddha Biography in Hindi

गौतम बुद्ध ने चौथी शताब्दी में बौद्ध धर्म की स्थापना की थी. वर्तमान में पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के करीब 190 करोड़ अनुयायी हैं. इसमें चीन, जापान, थाईलैंड, मंगोलिया, नेपाल, वियतनाम, भूटान, कंबोडिया, साउथ कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग, भारत, मलेशिया, अमेरिका, इंडोनेशिया और श्रीलंका आदि देश आते हैं. इनमें से श्रीलंका, भूटान और भारत में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या बहुत ज्यादा है.

महात्मा बुद्ध के अनमोल वचन – Gautam Buddha Anmol Vachan
  1. जैसे एक मोमबत्ती बिना आग जल नहीं सकती, उसी तरह एक इंसान बिना आध्यात्मिक जीवन के जीवित नहीं रह सकता.
  2. न भूतकाल में उलझो और ना ही भविष्यकाल के सपने देखो, वर्तमान पर ध्यान दो क्यूंकि खुश रहने का रास्ता यही है.
  3. सत्य के मार्ग पर चलते हुए मनुष्य से सिर्फ दो गलतियां हो सकती है, या तो पूरा रास्ता डतय न करना या फिर शुरुआत ही न करना.
  4. हर व्यक्ति को अधिकार है कि वो अपनी दुनिया की खोज स्वयं करे.
  5. हमेशा सकारात्मक सोचे और खुश रहें. क्यूंकि इंसान क्यूंकि हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं. (Gautam Buddha Biography in Hindi)
  6. जीभ एक तेज चाकू की तरह बगैर खून निकाले ही मार देता है.
  7. एक हजार खोखले शब्दों में एक बेहतर शब्द है जो शांति लाता है.
  8. अपने उद्धार के लिए अपना काम स्वयं करें. किसी कार्य के लिए कभी भी दूसरों पर निर्भर ना रहें.
  9. लोग अक्सर सोचते हैं कि आज का अधूरा काम कल पूरा कर लेंगे, लेकिन गुजरा वक्त वापस नहीं आता है.
  10. एक दिए से हजारों दिए को बिना उसका प्रकाश कम किये जलाया जा सकता है. यानी खुशी बांटने से कभी कम नहीं होती है.
  11. खुशी कभी भी पैसों से खरीदी ही चीजों में नहीं बल्कि खुशी इसमें है कि हम कैसा व्यवहार करते हैं. असली खुशी हमारे मस्तिष्क में है.
  12. आपको जो कुछ भी मिला है उसका बहुत ज्यादा मूल्यांकन मत करें और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करें. दूसरों से ईर्ष्या करने वालों को मन की शांति प्राप्त नहीं होती.
  13. हर दिन का अपना महत्व है इसलिए हर एक दिन की अहमियत को समझें.
कुशीनगर में बुद्ध ने किया देहत्याग – Gautam Buddha Biography in Hindi
महात्मा बुद्ध का पूरा जीवन धर्म प्रचार में ही बीत गया. धर्म प्रचार करते-करते करीब 80 साल की उम्र में उनका कुशीनगर में देहांत हो गया.