Cheteshwar Pujara Biography in Hindi: चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और टीम इंडिया को जीत दिला रहे हैं. ये दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. पुजारा घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र और इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू की तरफ से खेलते हैं. इनका पर्दापण साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में घरेलू श्रृंखला के दूसरे क्रिकेट मैच में हुआ था.
उन्होंने घायल वीवी एस लक्ष्मण के स्थान पर खेला था जिसमें पुजारा ने पहली पारी में तीन गेंदों का सामना करते हुए एक चौका लगाकर आउट हो गए थे. ये ऐसे 5वें भारतीय बल्लेबाज हैं जिसने पहले ही मैच में चौथी पारी में अर्धशतक लगाया था. टेस्ट क्रिकेट में इनका स्कोर 206 का है. पुजारा ने अपने टेस्ट क्रिकेट के करियर में 2 दोहरे शतक लगाकर एक रिकर्ड कायम किया है.
जन्म और शुरुआती जीवन – Cheteshwar Pujara Biography in Hindi
इनका जन्म 25 जनवरी 1988 में राजकोट में हुआ था. इनके पिता का नाम अरविंद शिवलाल पुजारा है जो एक रणजी खिलाड़ी थे और सौराष्ट्र की तरफ से खेलते थे. इनकी मां का नाम रीना पुजारा है और कैंसर की वजह से इनका निधन हो चुका है. इनकी पत्नी का नाम पूजा पवारी है. इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम अदिति पुजारा है.
चेतेश्वर पुजारा की मां का सपना था कि उनका बेटा देश के लिए क्रिकेट खेले. पुजारा जब साल 2005 में अंडर-19 का मैच खेल कर लौटे तो उन्हें पता चला कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं. इसके बाद उनकी जिंदगी का एकमात्र मकसद था मां के सपनों को पूरा करना.
पुजारा का ये सपना मां के निधन के पांच सालों बाद पूरा हुआ. अपने इस सपने को पूरा होने के बाद उन्होंने एक बार कहा था कि मां मुझे देश के लिए खेलते देखना चाहती थीं लेकिन जिस दिन मुझे ये मौका मिला उस दिन अफसोस मेरी मां मेरे साथ नहीं थीं.
वहीं अपने पिता के बारे में कहा था कि मेरे पिता अरविंद पुजारा बेहद अनुशासित और सख्त कोच हैं. आज भी हम फोन पर खेल के तकनीकी पक्षों की चर्चा करते हैं और सच कहूं तो वो ही मेरे गुरू और मेंटर भी हैं.
करियर – Cheteshwar Pujara Biography in Hindi
चेतेश्वर पुजारा को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है. अंडर-14 की टीम में उन्होंने 3 शतक अपने नाम किया था. अंडर-19 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 2 शतक लगाए थे. पुजारा ने साल 2005 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की. इस साल क्रिकेट करियर की शुरुआत करते ही उन्हें साल 2006 में लंबा ब्रेक मिला. जिसके बाद अंडर-19 विश्वकप में उन्होंने 350 रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज का भी खिताब जीता था. क्वार्टरफाइनल में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 97 रन और सेमीफाइनल में 129 रन बनाए थे. भारत ने वह मैच 234 रनों के विशाल अंतर से जीता था.
पुजारा ने साल 2010 में बैंगलोर में टेस्ट मैच से पर्दापण किया था. इसके बाद अक्टूबर 2011 में बीसीसीआई द्वारा उन्हें सी-ग्रेड नेशनल कॉन्ट्रैक्ट से सम्मानित किया गया. फिर अगस्त 2012 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हुए शतक भी जड़ा था. फिर वर्ष 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला दोहरा शतक लगाया.
साल 2012 में आयोजित एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी में चेतेश्वर पुजारा सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. इस मैच में उन्होंने 2 शतक और 1 अर्धशतक लगाए थे. मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा दोहरा शतक जड़ा था. इन दोनों दोहरे शतक वाले मैचों में भारत को जीत हासिल हुई थी और पुजारा को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड भी मिला था.
युवा खिलाड़ियों के लिए मुफ्त ट्रेनिंग – Cheteshwar Pujara Biography in Hindi
पुजारा युवा खिलाड़ियों को मुफ्त में क्रिकेट की ट्रेनिंग देते हैं. इनके पिता और चाचा ने मिलकर राजकोट में एक क्रिकेट एकेडमी खोला है. जिसका नाम चेतेश्वर पुजारा क्रिकेट एकेडमी है. यह राजकोट सिटी से 16 किलोमीटर दूर स्थित है. इस एकेडमी के लिए चयनीत खिलाड़ियों को यहां निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था है. सिर्फ यही नहीं उन खिलाड़ियों को एकेडमी तक आने-जाने की भी व्यवस्था निःशुल्क की जाती है.
इस एकेडमी में क्रिकेट सीखने के लिए तमाम आधारभूत सुविधाओं का ख्याल रखा गया है. खिलाड़ियों के प्रैक्टिस के लिए यहां 70 गज की बाउंड्री बनी हुई है. इसमें 5 टर्फ पीच भी है. मैदान के एक कोने में नेट प्रैक्टिस की भी व्यवस्था है. नेट प्रैक्टिस के लिए 4 चर्फ पीचें और 2 सीमेंट पीचें हैं. यहां बल्लेबाजी का प्रैक्टिस कराने वाली बॉलिंग मशीन के अलावा शारीरिक फिटनेस और व्यायाम के लिए अत्याधुनिक उपकरणों वाले जिम की सुविधा भी उपलब्ध है. यहां के खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग जर्सी और जूते भी फ्री में ही उपलब्ध कराए जाते हैं.
इस एकेडमी में ना सिर्फ भुज व आस-पास के इलाकों के युवा क्रिकेटर प्रशिक्षण लेने आते हैं बल्कि उत्तरांचल समेत अन्य राज्यों के युवा भी यहां अपनी प्रतिभा निखा रहे हैं. इस एकेडमी में चेतेश्वर पुजारा के पिता अरविंद पुजारा और चाचा विपीन पुजारा नियमित रूप से प्रशिक्षण देते हैं और जब कभी समय मिलता है तो चेतेश्वर खुद भी युवाओं को प्रेशिक्षण देने पहुंच जाते हैं.