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कपिल देव का जीवन परिचय – Kapil Dev Biography in Hindi

Kapil Dev Biography in Hindi: कपिल देव का नाम भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ियों में गिना जाता है. ये भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी जो टीम के कप्तान भी रह चुके हैं. कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने पहली बार साल 1983 में विश्वकप जीता था. कुछ समय के लिए ये भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं. इन्हें हरियाणा तूफान नाम से भी जाना जाता है.

जन्म – Kapil Dev Biography in Hindi

इनका जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़, पंजाब में हुआ था. इनके पिता का नाम रामलाल निखंज था और वे पेशे से एक कॉन्ट्रैक्टर थे. माता का नाम लाजवंती है और वो एक गृहणी हैं. कपिल देव कुल सात भाई-बहनें हैं, जिनमें से तीन भाई और चार बहनें हैं. इनकी पत्नी का नाम रोमी भाटिया है. कपिल देव की शादी साल 1980 में हुई थी और इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम अमिया देव है.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा – Kapil Dev Biography in Hindi

भारत की आजादी के पहले इनका परिवार पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था. लेकिन भारत-पाक बंटवारे के बाद इनका परिवार भारत आ गया. इनकी शुरुआती शिक्षा चंडीगढ के डीएवी स्कूल से हुई. इन्होंने अपना स्नातक शिमला के सेंट एडवर्ड कॉलेज से पूरा किया. क्रिकेट खेलने का शौक इन्हें बचपन से ही था और यही कारण है कि इन्होंने स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. क्रिकेट के मशहूर कोच देश प्रेम आजाद ने ही कपिल देव को आलराउंडर खिलाड़ी बनाया था.

क्रिकेट करियर – Kapil Dev Biography in Hindi

इन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 1975 में की थी और पहला मैच हरियाणा की तरफ से पंजाब के खिलाफ खेला था. इस मैच में कपिल देव ने कुल 6 विकेट लेकर पंजाब टीम को मात्र 63 रनो पर ही रोक दिया. अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने हरियाणा टीम को जीत दिलाई थी.

साल 1976-1977 के दौरान कपिल से बेहतर प्रदर्शन करते हुए जम्मू एंड कश्मीर के खिलाफ 8 विकेट लेकर 36 रन भी बनाए थे. इसी दौरान बंगाल के खिलाफ खेलते हुए केवल 20 रन देकर 7 विकेट लिए थे. इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए ही भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का अवसर मिला.

कपिल ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टैस्ट मैच साल 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था. इन्होंने अपना पहला शतक साल 1979-1980 में हरियाणा की तरफ से दिल्ली के खिलाफ लगाया था. वहीं अपना पहला टेस्ट शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था. इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2 बार जीत दिलाने के बाद कपिल सुर्खियों में आ गए थे.

कप्तानी करियर – Kapil Dev Biography in Hindi

वर्ष 1982 में इन्हें भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया. इनकी कप्तानी में साल 1983 में टीम इंडिया ने पहली बार विश्वकप जीता था. इस मैच में उन्होंने 138 गेंद पर 175 रन बनाए थे. फिर साल 1984 में भारत की वेस्टइंडीज से वनडे टेस्ट मैच सीरीज में हार के बाद कपिल देव को कपतानी से इस्तीफा देना पड़ा और सुनील गावस्कर कप्तान बनाए गए.

इन्हें साल 1987 में फिर से कप्तान बनने का मौका मिला. उस वक्त भी विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत, इंग्लैंड से हार गया तो फिर से कपिल देव से कप्तानी सुनील गावस्कर को दे दी गई. साल 1989 में ये उपकप्तान बने थे और वर्ष 1994 में क्रिकेट से सन्यास ले लिया.

कोच करियर – Kapil Dev Biography in Hindi
साल 1999 में इन्हें भारतीय टीम के कोच के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन इन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगने पर पद से त्यागपत्र दे दिया. फिर कपिल देव स्पोर्ट चैनल्स के साथ बतौर कमेंट्रेटर जुड़ गए.
सम्मान एवं उपलब्धियां – Kapil Dev Biography in Hindi
  1. भारत को पहला विश्वकप दिलाने का अचिवमेंट.
  2. अपने समय में 434 विकेट लेने के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था.
  3. क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए कपिल देव को भारत सरकार ने वर्ष 1982 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था.
  4. वर्ष 1991 में भारत सरकार ने उनकी क्रिकेट में लगन और मेहनत को देखते हुए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था.
  5. कपिल देव को साल 2002 में विजडन ने “सदी के भारतीय क्रिकेटर” का खिताब दिया था.
  6. इन्हें वर्ष 2010 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार से नवाजा गया था.
कपिल देव के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
  1. साल 2006 में कपिल देव ने व्यापार करने के लिए कैप्टन्स एलेवेन नाम से दो रेस्टोरेंट खोले. इनमें से एक चंडीगढ़ में हैं और दूसरा पटना में मौजूद है. इन रस्टोरेंट को वे खुद ही संभालते हैं.
  2. ये एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो से अधिक फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाई हैं. इन फिल्मों के नाम ‘इकबाल’, ‘मुझसे शादी करोगी’ एवं ‘ये दिल्लगी है’. सिर्फ यही नहीं भारतीय सिनेमा के मशहूर निर्देशक कबीर खान कपिल देव की बायोपिक भी बना रहे हैं.
  3. किताबें लिखने में रूचि के कारण कपिल देव ने अभी तक तीन आत्मकथाएं लिखी है, जिनके नाम ‘गोड्स डिक्री’, ‘क्रिकेट माय स्टाइल’ एवं ‘स्ट्रैट फ्रॉम माय हार्ट’ शामिल हैं.