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बर्ड फ्लू के लक्षण, कारण और निवारण – Bird Flu in Hindi

Bird Flu in Hindi: कोरोना वायरस के खतरे के बीच ही अब देश में बर्ड फ्लू नामक एक नए वायरस की एंट्री हो गई है. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और केरल समेत कई अन्य राज्यों में बर्ड फ्लू वायरस एच 5 एन 1 के मरीज सामने आ रहे हैं. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि यूरोप के कई देशों में भी यह वायरस अपना कहर बरपा रहा है. हालांकि इस वायरस का प्रभाव बहुत जल्दी नजर आने लगता है. आइए बर्ड फ्लू के बारे में विस्तार से जानते हैं.

बर्ड फ्लू क्या है? – Bird Flu in Hindi

यह बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा नामक वायरस द्वारा फैलती है. मुख्य रूप से यह वायरस पक्षियों में तेजी से फैलता है, जिसमें मुर्गी, बतख व मोर तेजी से संक्रमित होते हैं. पक्षियों के साथ-साथ यह वायरस इंसानों और जानवरों को भी संक्रमित करता है. यह इतनी घातक बीमारी है कि इससे पीड़ित मरीज की मौत कुछ ही दिनों में हो जाती है. कोरोना वायरस की तरह ही यह मनुष्य के पाचन तंत्र को ही क्षतिग्रस्त कर देता है.

बर्ड फ्लू के लक्षण – Bird Flu in Hindi

चाहे बर्ड फ्लू का वायरस हो या कोई अन्य वायरस, इसकी पहचान करने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है.

1. उल्टी जैसा महसूस होना
2. सांस लेने में तकलीफ
3. बुखार के साथ शरीर में अकड़न
4. थकान महसूस होना
5. शरीर में तेज दर्द रहना
6. पेट दर्द की समस्या
7. बार-बार खांसी होना
8. कफ बनना
9. लगातार सिर में दर्द रहना
10. दस्त होना

बर्ड फ्लू के कारण – Bird Flu in Hindi

वैसे तो कई प्रकार के बर्ड फ्लू हैं, लेकिन एच 5 एन 1 इंसानों को संक्रमित करने वाला पहला एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है. इसका पहला संक्रमण साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था. जिसका प्रकोप संक्रमित मुर्गी पालन के साथ संबंधित था. एच 5 एन 1 घरेलू मुर्गी पालन में आसानी से फैल जाता है. बर्ड फ्लू बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक से स्त्राव या मुंह व आंखों से स्त्राव के संपर्क में आने से होती है. मुर्गी के मांस को अगर 165 (F (73.9 )C) के आंतरिक तापमान पर पकाया गया है तो यह सुरक्षित माना जाता है.
बर्ड फ्लू से होने वाले खतरे – Bird Flu in Hindi

बर्ड फ्लू संक्रमण से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें से कुछ स्थितियां घातक साबित हो सकती हैं. जैसे –

1. आंखों में लगातार जलन और पानी गिरने की समस्या बना रहना
2. इसके संक्रमण से किडनी का खराब हो जाना
3. सांस लेने में परेशानी होना
4. जुकाम और न्यूमोनिया से लगातार ग्रसित हो जाना
5. हृदय गति में गड़बड़ी आना
6. कार्डियाक अरेस्ट का खतरा बना रहना

इस फ्लू के जोखिम कारक – Bird Flu in Hindi
यह एच 5 एन 1 वायरस समय की विस्तारित अवधि के लिए जीवित रहने की क्षमता है. इस वायरस से संक्रमित पक्षी 10 दिनों तक वायरस को मल और लार में ले जाते हैं और इसे जहां-तहां फैलाते हैं. इसके बाद इन दूषित सतहों को छूने से संक्रमण फैल सकता है. इसके अलावा संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से, संक्रमित क्षेत्रों का दौरा करने से, चिकन अंडे खाने से और एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता का संक्रमित रोगियों की देखभाल करना भी इसके जोखिम कारक हो सकते हैं.
बर्ड फ्लू का इलाज क्या है? – Bird Flu in Hindi

बर्ड फ्लू कई प्रकार के होते हैं इसलिए इन सभी बर्ड फ्लू के लक्षण भी विभिन्न प्रकार के होते हैं. तो जाहिर है कि इनका उपचार भी अलग ही होगा. अधिकतर मामलो में एक एंटीवायरल दवा जैसे ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) या जनामिविर (रिलान्जा) के उपचार से रोग की गंभीरता को कम करने में सहायता मिल सकती है. हालांकि सबसे पहले जरूरी है कि लक्षण दिखाई देने के 48 घंटों के अंदर ही दवा लें.

जो वायरस फ्लू के मानव रूप का कारण बनता है, वह एंटीवायरल ड्रग्स के दो सबसे सामान्य रूपों जैसे अमांताडिन और रेमांटाडाइन (फ्लुमेडीन) के प्रतिरोध क्षमता को विकसित कर सकता है. इसलिए इस बीमारी के उपचार के लिए इन दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.

आपका परिवार या कोई अन्य व्यक्ति आपके साथ निकट संपर्क में भी एक निवारक के रूप में एंटीवायरल साबित हो सकते हैं, चाहे वो बीमार न हों. दूसरे लोगों में वायरस फैलाने से बचाने के लिए आपको आइसोलेशन में रखा जाएगा. अगर आप कोई गंभीर संक्रामक विकसित करते हैं, तो चिकित्सक आपको क विशेष मशीन पर रख सकते हैं.

बर्ड फ्लू से ऐसे करें निवारण – Bird Flu in Hindi

तेजी से पांव पसार रहे बर्ड फ्लू के संक्रमण से इस तरह खुद का बचाव किया जा सकता है.

1. अपने घर में पालतू पक्षियों को मत रखें. अगर घर में पहले से पालतू पक्षी है तो उन्हें कुछ दिनों के लिए बाहर न निकलने दें. यहां तक कि इन पक्षियों को बाहर का लाया भी कुछ मत खिलाएं.
2. खुले बाजार से मांस खरीदना बंद रखें.
3. पक्षियों के संपर्क में आने से बचना बहुत जरूरी है.
4. संक्रमित क्षेत्रों में जाने से बचें.
5. अपने हाथों को लगातार धोते रहें या सैनेटाइज करते रहें.
6. बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने पर जितनी जल्दी हो सके चिकित्सक से परामर्श लें.