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शिवानी वर्मा का जीवन परिचय – Shivani Verma Biography in Hindi

ब्रह्मा कुमारी शिवानी वर्मा को सिस्टर शिवानी कहा जाता है. वह एक आध्यात्मिक प्रजापति ब्रह्मा कुमारी विश्वविद्यालय में एक अध्यात्म शिक्षिका के रूप में जुड़ी हुई हैं. वह लोगों को आध्यात्मिक प्रवचन देती हैं. वह साल 2008 से ‘अवेकिंग विद ब्रह्मा कुमारी’ नामक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ कर आध्यात्मिक प्रवचन देती हैं.

यह कार्यक्रम रोज आस्था चैनल पर आता है. कार्यक्रम लोगों के साथ जुड़ कर मानव कल्याण को प्रेरित करती है. शिवानी वर्मा (Shivani Verma Biography in Hindi) के प्रवचन सुनने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. इनके प्रवचन को लोग खूब पसंद भी करते हैं. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर उन्हें विभिन्न संस्थाओं की तरफ से आध्यात्मिक प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया जाता है. लोगों की पसंद की वजह से ही आज वह इतनी विख्यात हैं.

जन्म और शिक्षा – Shivani Verma Biography in Hindi

शिवानी वर्मा का जन्म साल 1972 में पुणे के एक धार्मिक परिवार में हुआ था. इनके माता पिता हमेशा पूजा पाठ में ही लगे रहते थे. शिवानी वर्मा ने साल 1994 में पुणे यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2 साल तक वह भारती विद्यापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर के पद पर आसीन रहीं.

कैसा रहा है करियर

अपने माता पिता के साथ लेक्चर सुनना इन्हें बहुत पसंद था. शिवानी नियमित रूप से उनके साथ लेक्चर सुनने ब्रह्मा कुमारी विश्वविद्यालय जाया करती थी. ऐसे ही धीरे धीरे इनका झुकाव संस्था की तरफ बढ़ता गया और वर्ष 1995 में वो इसके साथ जुड़ गयीं. हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे टीवी सीरीज है जो शिवानी वर्मा द्वारा संचालित किया जाता है. इनके कुछ सीरीज इस प्रकार हैं:

  1. डिप्रेशन
  2. राजयोग मेडिटेशन
  3. इनर ब्यूटी
  4. लाइफ स्किल्स
  5. विजडम ऑफ दादी जानकी
  6. ब्रह्मा कुमारी संस्था एक नजर में

अवार्ड और उपलब्धियां – Shivani Verma Biography in Hindi

  1. वीमेन ऑफ द डिकेड अचीवर अवार्ड
शिवानी वर्मा के अनमोल वचन – Shivani Verma Biography in Hindi
  1. हम सोचते हैं कि भगवान को याद करने से वो मेरा काम कम कर देगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है क्योंकि जब भी हम भगवान की याद में कोई काम करते हैं तो वो हमारी शक्ति को बढ़ा देता है. जिससे असंभव कार्य संभव हो जाते हैं.
  2. मैं को हम में बदलने से कमजोरी भी तंदुरुस्ती में परिणत हो जाती है.
  3. अगर मैं अपने मन की आत्मा को व्यर्थ संकल्पों का बोझ ढ़ोने दूंगी तो भारीपन महसूस होगा. जिससे मैं जल्दी ही थक जाऊंगी.
  4. अगर आप जीवन में ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं तो हवा में उड़ते उन पक्षियों से शिक्षा ले जो हमेशा उन्मुक्त होकर अपनी उड़ान का आनंद लेता है. ऐसी क्षमता आपके पास भी है कि आप समूह में सद्भाव के साथ उड़ान भर सकते हैं.
  5. किसी को दी हुई खुशी और दिया हुआ प्यार हमेशा लौट कर वापस आता है.
  6. हमें अगर किसी मे कुछ पसंद नही आता है तो हम बड़ी आसानी से नकारात्मक बातें बोल देते हैं. गुस्से में कही हुई बात हमेशा अपमानजनक और अव्यवहारिक होती है. इन बातों की वजह से रिश्तों में एक खाई उत्पन्न होती है. इसलिए किसी भी प्रतिक्रिया देने से पहले उस पर विचार करना जरूरी होता है.
कुछ और अनमोल वचन यहां देखें:
  1. एक सकारात्मक विचार व्यक्ति को बदलने की क्षमता रखता है. सकारात्मक सोच से मन मे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. असंभव कार्य भी संभव हो जाता है. संकल्प कीजिए कि दिन में कम से कम 15 मिनट का समय अपने लिए निकालें. देखेंगे कि यह समय आपको सकारात्मक उर्जा से भर देगा. अपने में हुए परिवर्तन को देखते के लिए यह 15 मिनट का समय कुछ दिनों तक जरूर निकालें.
  2. हम हमेशा समय बचाने की कोशिश में लगे रहते हैं. जब तक हम अपने दिमाग को स्थिर कर उसे योजनाबद्ध तरीके से नहीं चलाते हैं, तब तक हमारे मन में नकारात्मक विचारों का आना स्वाभाविक है. इसकी वजह से हमारा किमती वक्त बेकार हो जाता है. योजना बनाने के बाद अगर उस पर सही से अमल ना किया जाए तो भी यह तनाव पैदा करता है.
  3. केवल वही आत्मा मजबूत होती है जिसमें विनम्रता हो. कमजोर आत्मा हमें र्स्वाथी बना देती है. इंसान जब खाली रहता है तो वो दूसरों से लेता है लेकिन भरा रहने पर वह अपने आप ही सभी को देता है. यही मानव स्वभाव है.
  4. हम जब भी एक मजबूत सोच के साथ किसी भी कमजोरी को कम या फिर खत्म करने का प्रयास करते हैं तो अपने अंदर खुद ही कुछ सदाचारी गुण विद्यमान हो जाते हैं. कमजोरी को खत्म करना प्रयास ही हमारे अंदर गुण लाते हैं. हालांकि शुरूआत के दिनों में हमें यह पता नहीं चलता है लेकिन कुछ दिनों में हमारे अंदर अच्छे गुण विद्यमान हो जाते हैं. इसलिए बेहतर होगा हम अपनी कमजोरियों को पहचान कर उसे दूर करने का प्रयास करते रहें. अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए एक योजना बनाए और उस पर अमल करें. समय-समय पर अपनी इस योजना की समीक्षा के साथ-साथ उसकी सराहना करना भी आवश्यक है.