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एपीजे अब्दुल कलाम आजाद का जीवन – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद एक विख्यात भारतीय वैज्ञानिक के साथ-साथ भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. कलाम (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) देश के सबसे महत्वपूर्ण संगठन इसरो और डीआरडीओ के साथ भी काम किये थे. साल 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.

ये महान वैज्ञानिक भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े थे, तभी तो उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है. अब्दुल कलाम आजाद साल 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए थे और वर्ष 2007 तक वे देश के राष्ट्रपति रहे. वे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं.

जन्म – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में रामेश्वरम जिले के घनुषकोडी गांव में एक मछुआरे परिवार में हुआ था. कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम और पिता का नाम जैनुलाब्दीन था. इनकी माता का नाम असीमा था, जो एक गृहणी थीं. इनके तीन बड़े भाई और एक बड़ी बहन थी.

वे तमिल मुसलमान थे और एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखते थे. इनके पिता घर चलाने के लिए अपनी नाव मछुआरों को दिया करते थे. इन्होंने अपने पिता से अनुशासन, उदार स्वभाव और ईमानदारी का पाठ सीखा था. इनकी मां का ईश्वर में असीम विश्वास था.

शिक्षा – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

ए.पी.जे कलाम को अपनी शिक्षा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. पिता का हाथ बंटाने के लिए इन्होंने बहुत ही कम उम्र में काम करना आरंभ कर दिया था. कलाम घर-घर घूम पर अखबार बांटा करते थे और उन्ही पैसों से स्कूल की फीस भी भरते थे. इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम प्राथमिक स्कूल में हुई.

स्कूल के समय अपनी कक्षा में वे औसत दर्जे के विद्यार्थी थे, लेकिन उनमें हर वक्त नई-नई चीजों को सीखने की प्रबल इच्छा थी. इसी वजह से उन्हें हमेशा एक मेहनती और उज्ज्वल छात्र माना गया. गणित में उनकी बहुत रूचि थी और इसके अध्ययन में वे समय भी अधिक देते थे.

साल 1950 में इन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज से बी.एस.सी की पढ़ाई पूरी की थी. जबकि साल 1954-1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया. कलाम का बचपन का सपना फाइटर पायलट बनने का था लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदलता गया उनके सपने भी बदल गए.

अपने व्यक्तिगत और व्यवसायी संघर्षों के माध्यम से ही कलाम असफलता के अंधकार से बाहर निकलकर अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल एवं नाग जैसे मिसाइलों के रूप में कई सफल प्रयोग किए थे. इन मिसाइलों की वजह से उन्हें इतनी प्रसिद्धि मिली. इससे देश की प्रतिष्ठा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हुई.

करियर – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग करने के बाद कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) वैज्ञानिक के रूप में भर्ती हुए. इन्होंने अपने करियर में सबसे पहले भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकॉप्टर का डिजाइन बनाया था.

कलाम डीआरडीओ में अपने काम से संतुष्ट नहीं थे. जब कलाम पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल फॉरस्पेस रिसर्च’ में सदस्य थे उस दौरान उन्हें सुप्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ था.

साल 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अंनुसंधान संगठन (इसरो) में इनका स्थानांतरण हुआ था. इसरो में कलाम भारत के सेटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना के डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त हुए थे.

इस परियोजना की सफलता के बाद भारत का प्रथम उपग्रह ‘रोहिणी’ पृथ्वी की कक्षा में साल 1980 में स्थापित किया गया. इसरो ने कलाम के करियर को एक अहम मोड़ दिया. सेटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना पर काम करते हुए उन्हें एहसास एहसास हुआ कि यही मेरा मन पसंद कार्य है.

वर्ष 1963-1964 में कलाम को अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा करने का भी अवसर मिला. अपने कार्यों और सफलताओं से कलाम 70 और 80 के दशक में विश्व प्रसिद्ध हो गए. तभी से उनका नाम देश के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा.

भारत सरकार ने कलाम की निगरानी में ‘इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ किया था. इसी परियोजना से देश को अग्नि और पृथ्वी जैसे मिसाइल मिले.

डॉ कलाम जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार एवं रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन के सचिव थे. इसी दौरान भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था. जिसमें कलाम ने अहम भूमिका निभाई थी. इस परियोजना के समन्वयक आर. चिदंबरम के साथ कलाम भी थे और इसी दौरान वे देश के सबसे बड़े परमाणु वैज्ञानिक बन गए.

भारत के राष्ट्रपति के तौर पर – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

डॉ. कलाम की उपलब्धियों और प्रसिद्धि को ध्यान में रखते हुए एन.डी.ए. की गठबंधन सरकार ने साल 2002 में उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया. उनकी प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल थी, जिसे कलाम ने भारी अंतर से पराजित किया था. 25 जुलाई 2002 को अब्दुल कलाम आजाद ने भारत के 11वें राष्ट्रपति पद का शपथ लिया था. कलाम देश के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति थे जो राष्ट्रपति बनने से पहले ही ‘भारत रत्न’ से नवाजे जा चुके थे.

राष्ट्रपति बनने के बाद का जीवन – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

राष्ट्रपति पद के पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम शिक्षण, मार्गदर्शन, लेखन और शोध कार्यों में अपना समय बिताया. भारतीय प्रबंधन संस्थान (शिलांग), भारतीय प्रबंधन संस्थान (अहमदाबाद), भारतीय प्रबंधन संस्थान (इंदौर) आदि संस्थानों में विजिटिंग पर तौर पर बने रहे.

साथ ही वे भारतीय विज्ञान संस्थान (बैंग्लोर) के फेलो, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस के अलावा टेक्नोलॉजी (थिरुवनन्थपुरम) के चांसलर और अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पद पर भी रहे.

ए.पी.जे. कलाम हमेशा देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने की बातें करते थे. भारत के युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कलाम को साल 2003 और 2004 में एम.टी.वी. यूथ आइकॉन ऑफ द इयर अवॉर्ड के लिए मनोनित किया गया था.

कलाम द्वारा लिखी प्रमुख पुस्तकें – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
  1. इंडिया 2020: अ विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
  2. विंग्स ऑफ फायर: ऐन ऑटोबायोग्राफी
  3. इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया
  4. मिशन इंडिया
  5. इंडोमिटेबल स्पिरिट
सम्मान और पुरस्कार – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

डॉ कलाम को करीब 40 विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी. जबकि भारत सरकार से उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.

मृत्यु – APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग में अपना वक्तव्य रखते समय दिल का दौरा पड़ने से 27 जुलाई 2015 को वे संसार को अलविदा कह गए.