क्यों मनाया जाता है बालिक दिवस – National Girl Child Day in Hindi
बालिका दिवस मनाने का मूल उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. क्यूंकि आज के युग में देखें तो बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं बावजूद इसके वह कई सारी कुरीतियों का शिकार भी हो रही हैं. इन कुरीतियों की वजह से ही इनके विकास मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होती हैं. यह समस्या हर समाज में है, चाहे वो पढ़े-लिखे लोगों का जागरूक समाज ही क्यूं ना हो.
आज भी हजारों लड़कियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है. हमारे समाज में आज भी कई ऐसे घर हैं जहां बेटियों को बेटों की तरह अच्छी शिक्षा नहीं दी जाती. बालिकाओं के साथ भेद-भाव एक बहुत बड़ी समस्या है. यह समस्या कई क्षेत्रों में फैला है जैसे शिक्षा में असमानता, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सीय देख-रेख, सुरक्षा, सम्मान, बाल विवाह आदि.
समाज में लोगों के बीच लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी स्थिति को सुधारने के ही इस दिवस को मनाया जाता है. यह बहुत जरुरी है कि विभिन्न तरह के समाजिक भेदभाव और शोषण जिनका लड़कियों को हर दिन सामना करना पड़ता है, उसे समाज से पूरी तरह हटाया जाए.
अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें लड़कियां
बालिकाओं के लिए विशेष पहल – National Girl Child Day in Hindi
भारत में अभी भी महिला साक्षरता दर लगभग 53.67% है, जबकि लड़कियों का एक तिहाई कुपोषित है. स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुंच और समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता की वजह से भी लड़कियां व महिलाएं विभिन्न किस्म की बीमारियों और रक्त की कमी से पीड़ित हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बालिका शिशु की स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से कई तरह के कदम उठाए गए हैं.
महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘धनलक्षमी’ नामक योजना के माध्यम से बालिका शिशु के परिवार को नकदी हस्तांतरण द्वारा मूलभूत जरुरतों को पूरा किया जाता है. जैसे असंक्रमीकरण, जन्म पंजीकरण, स्कूल में नामांकन और कक्षा 8 तक के रखरखाव का पूरा ध्यान रखा जाता है. बालिका शिशु के लिए शिक्षा का अधिकार कानून में मुफ्त और जरूरी शिक्षा उपलब्ध कराया गया है.
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस – National Girl Child Day in Hindi
भारत में बालिका शिशु के कुछ महत्वपूर्ण अधिकार
1. गर्भावस्था में क्लिनिकों द्वारा लिंग पता करना सरकार द्वारा गैर कानूनी करार है।
2. बाल विवाह निषेध है।
3. बालिका शिशु की रक्षा के लिए सरकारी तौर पर ‘बालिका शिशु को बचाओ’ योजना की शुरुआत हुई थी।
4. कुपोषण, गरीबी, अशिक्षा और समाज में शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसवपूर्व देख-रेख जरूरी है।
5. मुफ्त और प्राथिमक स्कूलों द्वारा भारत में बालिका शिशु शिक्षा स्थिति में सुधार आया है।
6. भारत सरकार ने एक-तिहाई सीट आरक्षित रखी है।
7. पिछड़े राज्यों में शिक्षा की स्थिति सुधारने को पंचवर्षीय योजना लागू किया गया।
8. पिछड़े इलाकों में लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की गई।
9. स्कूल सर्विस को उन्नत करने हेतु ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
10. महिलाओं की स्थित सुधारने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कानून द्वारा एमटीवी विरोधी, सती कानून विरोधी व दहेज विरोधी कानून भी लाया गया है।
11. बालिका शिशु को बेहतर मौका देने के लिए लड़कियों के साथ बराबरी का व्यवहार होना चाहिए।