आज आदमी खाना छोड़ देगा, पीना छोड़ देगा, घूमना छोड़ देगा, पढ़ना छोड़ देगा, लिखना छोड़ देगा लेकिन नहीं छोड़ेगा तो एक चीज वो है मोबाइल! मोबाइल आज के दिन में इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है और मोबाइल की जान है इंटरनेट. इंटरनेट पर लोगों ने अपनी एक दुनिया बना ली है. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारत में तो अलग ही स्थिति है, जिसको देखो वही फेसबुक और यू-ट्यूब पर अपना सारा टाइम बिता रहा है. खाने-पीने से लेकर पहनने-ओढ़ने तक के सामान के लिए भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
आपने कभी सोचा कि आखिर जिस इंटरनेट को आप इस्तेमाल कर रहे हैं वो आया कहां से? कौन था वो शख्स जिसने इंटरनेट का आविष्कार किया? भारत में ये इंटरनेट कब आया? इसका विस्तार कैसे हुआ, क्या आपने जानने की कोशिश की? हम यहाँ आपके लिए ये सारी जानकारी लेकर हाजिर हैं!
इंटरनेट क्या होता है?
इंटरनेट आखिर क्या चीज होती है? दरअसल एक जगह से दूसरी जगह सूचना पहुंचाने वाला एक नेटवर्क इंटरनेट कहलाता है. इस इंटरनेट के जरिए कई सारे कम्प्यूटर्स आपस में जुड़े होते हैं. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ये दुनिया का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क है जिसके जरिए सभी कम्प्यूटर वेब सर्वर और राउटर के माध्यम से एक दूसरे से कनेक्टेड हैं.
आज अगर हम इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम एक नेटवर्क के जरिए किसी दूसरे व्यक्ति से जुड़े हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप फेसबुक पर हैं और दिल्ली में रहते हैं तो अगर आप अपने बिहार वाले दोस्त से जुड़ना चाहते हैं तो अगर आपका दोस्त भी फेसबुक पर मौजूद है तो आप उससे इसी इंटरनेट के जरिए जुड़ सकते हैं.
कैसे हुई इंटरनेट की शुरूआत?
ऐसे हुआ इंटरनेट का विकास
विंटन ग्रे और बॉब कैन से आधिकारिक तौर पर इंटरनेट की शुरूआत की. इन लोगों को ही इंटरनेट का जनक कहा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सबसे पहला मेल साल 1972 में भेजा गया. रेटॉमलिसंन ने ये इमेल भेजा. इसके बाद ब्रिटिश डाक घर में साल 1979 में इसका इस्तेमाल हुआ. फिर धीरे-धीरे इसका और विस्तार हुआ. साल 1980 में नेशनल साइंस फाउंडेशन ने (NSFNet) तैयार किया. 1984 तक आते-आते 1 हजार से ज्यादा पर्सनल कम्प्यूटर इस नेटवर्क से जुड़ गए.
आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर आम लोगों को इंटरनेट का इस्तेमाल कब करने को मिला. तो इसका जवाब है साल 1989. इसी साल लोगों ने एक दूसरे से संवाद करने के लिए और रिसर्च के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया. 1990 में वर्ल्ड वाइड वेब यानि www की खोज हुई और इससे इंटरनेट को एक नई दिशा मिल गई. इसके ठीक 3 साल के बाद यानि 1993 में वेब ब्राउजर MOSAIC की खोज हुई और इससे इंटरनेट के विकास की गति और बढ़ गई.
भारत में कब शुरू हुआ इंटरनेट?
वो साल था 1995 का जब भारत में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हुई और ये सुविधा उपलब्ध करवाई विदेश संचार निगम लिमिटेड ने. टेलीफोन लाइन के जरिए ये सेवा शुरू हुई. शुरूआत में सिर्फ जरूरी सूचनाओं को भेजने के लिए इसका उपयोग हुआ. कुछ महत्वपूर्ण कॉलेजों में ही इंटरनेट उपलब्ध हो सका. भारत में शुरूआती दौर में इंटरनेट काफी धीमी रफ्तार से चलता था लेकिन जैसे-जैसे इसका विस्तार हुआ वैसे-वैसे इसकी स्पीड भी बढ़ती चली गई.
90 के दशक में देश के कोने-कोने में इसकी दस्तक सुनाई देने लगी. आज देखिए, देश के लाखों-करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल कहां-कहां और कैसे-कैसे कर रहे हैं. आज कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो इंटरनेट पर नहीं मौजूद है! अगर आपको कुछ पढ़ना है तो आप इंटरनेट खोलते हैं. अगर आपको कुछ मंगवाना है तो आप इंटरनेट यूज करते हैं. अगर आपको अपना मनोरंजन करना हो तो भी आप इसका ही इस्तेमाल करते हैं.
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