सोशल मीडिया के युग में लोग कितना बदल गए हैं?

सोशल मीडिया के युग में लोग कितना बदल गए हैं?

जब भी आप खाली टाइम पाते हैं तो आप क्या करते हैं? अगर इस सवाल का जवाब खोजा जाए तो क्या होगा? ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. वो एक दुनिया जिसमें सब कुछ छोटी-सी स्क्रीन में मिल जाता है. कोई कहां जा रहा है, क्या कर रहा है, वगैरह-वगैरह. लोग धीरे-धीरे इसके आदी होते जा रहे हैं. लोगों को इसकी लत लग रही है.

एक अध्ययन में पाया गया है

दुनिया में करीब 60 से 70 फीसदी लोग दिन में 4 घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. सबसे हैरानी की बात तो ये है कि जो लोग 80 के दशक में पैदा हुए उन्हें भी सोशल मीडिया युग में जीने का आनंद आ रहा है. वो भले ही पुराने खयालों के हैं लेकिन वो नई पीढ़ी से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इन सबके बीच कितना कुछ ऐसा है जो आपके अंदर भी बदल गया है?

आपके अंदर कौन से बदलाव आए हैं?

शायद आपको सुनकर अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है. सोशल मीडिया ने लोगों की सोच से लेकर उनकी जीवनशैली सब कुछ बदलकर रख दिया है. आइए आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया के इस युग में आपके अंदर कौन से बदलाव आए हैं?

आपको सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते-करते अकेलापन अच्छा लगने लगा है. वो पहले का वक्त याद कीजिए, जब सब लोग साथ में खाना खाते थे. बातचीत करते थे और साथ में टीवी देखते थे. अब क्या ऐसा होता है? नहीं…क्योंकि हम लोगों को छोटी-सी स्क्रीन की दुनिया ही पसंद आ गयी है. हमने अपना दायरा सीमित कर लिया है.

सबसे हैरानी की बात है कि आजकल लोग अगर साथ भी बैठे हैं, पास में भी बैठे हैं लेकिन फिर भी वो अपने-अपने फोन में लगे पड़े हैं. फेस-टू-फेस बातचीत का दौर अब धीरे-धीरे पीछे छूट रहा है. लोग मैसेंजर और व्हाट्सअप पर बात करके ज्यादा खुश हो रहे हैं. इसे अकेलेपन की ही निशानी कहते हैं. इसमें इंसान को अपना परिवार, उनकी खुशियों की बजाय अपना बनाया हुआ एक दायरा ही नजर आता है.

चिड़चिड़ापन होने लगा
है हावी

कभी ध्यान से देखिएगा, वो लोग जो 90 या उसके बाद के दशक के हैं. ये लोग किसी भी बात पर फौरन गुस्सा हो जाते हैं. उन्हें चिढ़ मच जाती है. वो आक्रामक होने लगते हैं. आपको पता है ये सब क्यों हो रहा है? इन सबके पीछे का कारण है सोशल मीडिया. इस एक चीज ने इंसान को अपने वश में कर लिया है. लोग दिनभर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. थकावट को अपना बना रहे हैं. और इसी थकावट को वो अपने साथियों पर उतार रहे हैं.

pop over here

मेंटल स्ट्रेस का कारण

चिढ़ आने की वजह मेन्टल स्ट्रेस भी है. मेंटल स्ट्रेस का कारण भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूज ही है. अगर आप दिनभर एक स्क्रीन को देखते रहेंगे तो आपका दिमाग परेशान होगा और वो अपनी थकान कहीं तो उतारेगा?

आप इस बारे सोचते हैं कि आपको कितना बदला है सोशल मीडिया के इस युग ने, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.

आप इस बारे सोचते हैं कि आपको कितना बदला है सोशल मीडिया के इस युग ने, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
आप इस बारे सोचते हैं कि आपको कितना बदला है सोशल मीडिया के इस युग ने, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.

Yuva Digest

युवाओं के लिए नॉलेज और जीवनशैली से जुड़ा बेहतरीन कंटेंट सहज भाषा हिन्दी में, जो आपको रखता है हमेशा दो कदम आगे. युवा डाइजेस्ट के साथ जुड़े रहें, अपडेटेड रहें!

Leave a Reply