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आत्मविश्वास बढ़ाने के 10 प्रैक्टिकल तरीके – Self-confidence Tips in Hindi

यह तो हर कोई जानता है कि किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आत्मविश्वास (Self-confidence Tips in Hindi) का होना बहुत जरूरी है. हर वो इंसान जिसने जीवन में बेहतर मुकाम हासिल किया हो उसमें आपको आत्मविश्वास जरूर दिखेगा. चाहे वो व्यक्ति कोई क्रिकेटर, फिल्म स्टार, गायक, लेखक या फिर आपके पड़ोस का ही कोई व्यक्ति क्यों ना हो. वैसे आत्मविश्वास ऐसा गुण है जो हर व्यक्ति में कम या ज्यादा होता ही है. जरूरत है अपने अंदर उपस्थित आत्मविश्वास के स्तर को और बेहतर लेवल तक ले जाने की. अब यह जानना जरूरी है कि आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाया जाए.

आइए यहां जानते हैं आत्मविश्वास बढ़ाने के 10 टिप्स – Self-confidence Tips in Hindi

1. ड्रेसिंग सेंस में सुधार

व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाने में ड्रेंसिंग सेंस का भी अहम योगदान होता है. यानि आपके कपड़े भी आपका आत्मविश्वास बढ़ाते व घटाते हैं. जी हां, अगर आप अच्छे कपड़े पहनकर बाहर निकलते हैं तो आप खुद को आत्मविश्वासी महसूस करेंगे. इसलिए जब कभी आप किसी प्रेजेंटेशन या इंटरव्यू के लिए जाते हैं तो अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अच्छे से तैयार होकर जाएं.

2. आत्मविश्वासी लोगों वाले काम कीजिए

आपने ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा जो बहुत ही आत्मविश्वासी हैं. इस तरह के लोगों पर ध्यान रखकर आप उनके कुछ क्रियाकलाप को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं. जैसे-

– हमेशा आगे की सीट पर बैठना

– स्कूल में किसी सेमिनार के मौके पर सवाल पूछिए और उत्तर भी दीजिए।

– कभी भी दबी आवाज में मत बोलिए।

– लोगों से नजरे चुराकर नहीं बल्कि मिलाकर बात कीजिए।

– अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये।

3. डर लगने वाले काम को बार-बार करें

हमेशा अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाइए. जिस काम में आपको लगता हो कि हम इसमें कमजोर पड़ रहे हैं उसे बार-बार कीजिए. यानि जिस काम से आप दूर भागते हैं या घबराते हैं और जिस दिन वही कमजोरी ताकत बन जाएगी तो आत्मविश्वास कभी कम नहीं होगा.

4. अपनी उपलब्धियों को याद करें

आपकी उपलब्धियां आपको आत्मविश्वासी बनाने में मदद करेगी. ये अचिवमेंट छोटी या बड़ी कोई भी हो सकती है. जैसे- कभी कक्षा में प्रथम आए हो, स्कूल टॉपर बने हों, किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल हुई हो, एमप्लोई ऑफ द मंथ रहे हों आदि. कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा अनुभव कराए. इन उपलब्धियों को आप एक डायरी में लिख लें. फिर अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आप इसे कभी भी देख सकते हैं. यह पद्धति आपको आत्मविश्वासी बनाने में जरूर मदद करेगा.

5. गलती करने से मत डरें

कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसने कभी कोई गलती ना की हो। गलतियां करना तो मनुष्य का स्वभाव माना जाता है. या फिर यह भी कह सकते हैं कि गलतियां करना तो हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है. एक बात ध्यान रहे कि गलती करना कभी भी गलत नहीं हो सकता बल्कि इसे दोहराना गलत है. अनजाने में की गई गलतियों से आप बहुत कुछ सीखते भी हैं.

6. स्पेशल मौकों पर खास तैयारी कीजिए

एक तरफ सफलता के लिए आत्मविश्वास का होना आवश्यक है तो दूसरी तरफ आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए तैयारी का होना भी. जब कभी आपको खुद को साबित करने का अवसर मिले तो उसका भरपूर फायदा उठाइए. उदाहरण के तौर पर, आप किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हों या कोई परीक्षा दे रहे हों, कोई कार्यक्रम ऑर्गनाइज कर रहे हों. इस तरह के अवसर पर जी जान से जुट जाइए. बस इतना सुनिश्चित कीजिए कि आपने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसके बाद परिणाम चाहे जो भी हो! एक बात याद रखिए कि तैयारी जितनी अच्छी होगी आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

7. लक्ष्य को छोटे-छोटे उद्देश्यों में बांटे

सबसे पहले तो लक्ष्य और उद्देश्य के बीच के अंतर को समझें. किसी परीक्षा में टॉप करना लक्ष्य होता है. अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सबसे पहले हर विषय के पेपर को क्लियर करना होता है और इसके लिए अच्छी तरह मेहनत करना और सेल्फ एनालिसिस करना आदि छोटे-छोटे उद्देश्य हैं. इस तरह से आप अपने बड़े लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

8. खुद से शुरुआत करें

आत्मविश्वासी बनने की शुरुआत आपको खुद से ही करनी होगी. आपके अंदर आत्मविश्वास में कमी की वजह कुछ भी हो सकती है, जैसे- लोगों के बीच में न बोल पाना. इसके लिए एक आसान तरीका ये है कि आप अपने घर के सदस्यों या दोस्तों के बीच ज्यादा समय बिताएं. घर के छोटे-छोटे फंक्शन में अपना योगदान दें, इससे भी आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा.

9. जिम्मेदारी लेना सीखें

आत्मविश्वास वृद्धि के लिए जिम्मेदारियां लेना भी जरूरी है. घर, स्कूल या कार्यालय में होने वाली किसी गतिविधियों में जिम्मेदारी लें. इन जिम्मेदारियों को पूरे जोश के साथ पूरा करें. ऐसा करने पर आपको खुद ही अपने में बदलाव नजर आएगा.

10. असफलता से न डरें

हर काम में सही परिणाम की कल्पना मत करें क्योंकि जरूरी नहीं है कि हर काम में आपको एक ही बार में सफलता हासिल हो जाए. कई बार निराशा भी हाथ लगती है, तो इसमें दुःखी होने से बेहतर है कि इसे स्वीकार करें. क्योंकि गलतियां करने से इंसान बहुत कुछ सीखता है. इसलिए असफल होने पर आत्मविश्वास को कम मत होने दें बल्कि इसे सुधार कर आगे बढ़ें.