परिवार और शिक्षा – Pushpam Priya Choudhary Biography in Hindi
10 वर्षों में बिहार की सूरत बदलने का वादा – Pushpam Priya Choudhary Biography in Hindi
इनकी पार्टी का लोगो सफेद घोड़ा, जिस पर पंख लगे हुए हैं. इस लोगों को शक्ति और तीव्रता का प्रतीक माना गया है. इनकी पार्टी का नारा है ‘जन गण सबका शासन’. पुष्पम का कहना है कि वह राज्य के विकास लिए हमेशा सकारात्मक राजनीति करेंगी. बिहार की मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अगले 10 वर्षों में बिहार के देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगी.
साल 2030 तक बिहार यूरोपीय देशों के समान बन जाएगा. वो कहती हैं कि बिहार को बेहतर की जरूरत है और यह संभव भी है. इन्होंने बिहार में चर्चा और लोकप्रियता हासिल कर ली है. वह बिहार के हर जिलों का दौरा कर स्थानीय मुद्दों को उठाते हुए जनता को जागरूक करने में जुटी हैं. वह बिहार के विभिन्न इलाकों में घूम कर बच्चों, युवाओं, लड़कियों और महिलाओं से मिल रही हैं. इस दौरान वो लोगों को आश्वस्त करने का प्रयास कर रही हैं कि 30 साल से चल रहा बिहार के विकास का लॉकडाउन अब जरूर खत्म होगा.
पुष्पम का कहना है कि इनकी पार्टी का लक्ष्य साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को साथ मिलकर आगामी 10 वर्षों में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना है. बिहार के विकास का रोडमैप भी तैयार है. प्लूरल्स पार्टी की मुद्दा विकास और रोजगार है.
यह पार्टी जाति और धर्म की राजनीति को नकारते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेगी. समाज के सबसे निचले और वंचित तबके के लोगों को मुख्यधारा में लाया जाएगा. इनकी पार्टी में बहुत सारे उम्मीदवार ऐसे हैं जो एक्टिविस्ट हैं और किसी न किसी रूप में समाज से जुड़े हैं.
ज्यादातर काले कपड़ों में दिखती हैं पुष्पम – Pushpam Priya Choudhary Biography in Hindi
खास बना रहा इनका कॉर्पोरेट स्टाइल – Pushpam Priya Choudhary Biography in Hindi
पुष्पम के चुनावी तरीकों को कॉर्पोरेट स्टाइल कहा जा रहा है लेकिन ऐसा क्यों? इसे कॉर्पोरेट कहने की दो कारण हैं. पहला कारण ये कि सफेद कुर्ता पायजामा पहनने वाले नेताओं से बिल्कुल अलग हैं. उनका फोकस सिर्फ अपने एजेंडे पर है. एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा भी किया है कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिवा दूसरे किसी भी नेता को फॉलो नहीं करती हैं. चाहे वो आरजेडी के तेजस्वी यादव हों या फिर एलजेपी के चिराग पासवान ही क्यों ना हो.
दूसरा कारण ये है कि उन्होंने अपनी जो प्लूरल्स नाम की पार्टी बनाई है, उसके दो विंग बनाए हैं. इसका पहला विंग पोलिटिकल और दूसरा विंग एग्जिक्यूटिव है. यानि प्रशासनिक कामकाज देखना. पुष्पम ने चुनाव में अपने उम्मीदवार भी खड़े कर दिए हैं. अपनी जीत को लेकर वो पूरी तरह आश्वस्त हैं. वह दो सीटों से चुनाव लड़ रही हैं. चुनावी मैदान में उनके खिलाफ एक सीट पर शत्रुध्न सिन्हा के बेटे हैं.
अब देखना है कि पुष्पम प्रिया चुनावी मैदान में किसे चुनौती देती हैं, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या फिर चिराग पासवान को? लेकिन इतना तो जरूर है कि लोग पुष्पम का नाम ले रहे हैं और वह काफी चर्चा में हैं.
वैसे तो पुष्पम राजनीति में नया चेहरे हैं और इनका नाम भी इन दिनों खूब चर्चा में है. लेकिन वह राजनीति से अनजान नहीं हैं. क्योंकि इनके परिवार के बहुत सारे लोगों का संबंध राजनीति से रहा है. उनके पिता विनोद कुमार चौधरी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता हैं और वे एमएलसी रह चुके हैं. इनके चाचा भी जेडीयू के नेता हैं जबकि इनके दादाजी भी नीतीश के साथ ही रहे.