गौतम बुद्ध के उपदेश – Gautam Buddha Quotes in Hindi
जब आपको पता चलेगा कि सब कुछ कितना सही है तब आप अपना सर पीछे झुकाएंगे और आकाश की तरफ देखकर मुस्कुराएंगे.
यदि एक पवित्र मन के साथ कोई व्यक्ति बोलता या काम करता है तो कभी न जाने वाली परछाई की तरह खुशी उसका पीछा करती है.
किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए. जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है.
सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई दो ही गलतियां कर सकता है; पूरा रास्ता न तय करना, और इसकी शुरुआत ही न करना.
शब्द बहुत अच्छी तरह से विचार व्यक्त नहीं करते हैं; हर चीज तुरंत थोड़ा अलग हो जाती है, थोड़ा विकृत हो जाती है, थोड़ा मूर्खतापूर्ण हो जाती है.
भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार – Gautam Buddha Quotes in Hindi
आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थ्य का रहस्य है- अतीत पर शोक मत करो, ना ही भविष्य की चिंता करो, बल्कि बुद्धिमानी और ईमानदारी से वर्तमान में जियो.
एक मोमबत्ती से हजारों मोमबत्तियां जलाई जा सकती हैं, और उस मोमबत्ती का जीवन घटेगा नहीं. खुशियां कभी भी बांटने से घटती नहीं हैं!
क्रोध को बिना क्रोधित हुए जीतो; बुराई को अच्छाई से जीतो; कंजूसी को दरियादिली से जीतो, और असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो.
कोई व्यक्ति इसलिए ज्ञानी नहीं कहलाता क्योंकि वह सिर्फ बोलता रहता है; लेकिन अगर वह शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है तो वह वास्तव में ज्ञानी कहलाता है.
भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार – Gautam Buddha Quotes in Hindi
एक क्षण एक दिन बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन पूरे विश्व को बदल सकता है
आप पूरे ब्रह्माण्ड में किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर सकते हैं जो आपसे अधिक आपके प्रेम और स्नेह के लायक है, और वह व्यक्ति आपको कहीं नहीं मिलेगा. जितना इस ब्रह्माण्ड में कोई और आपके प्रेम और स्नेह के अधिकारी है, उतना ही आप खुद हैं!
यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें? यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करना आपको कोई फायदा नहीं पहुंचाएगा.
ऊपर उठें और आभारी रहे, क्योंकि अगर हमने बहुत नहीं तो कुछ तो सीखा, और अगर हमने कुछ भी नहीं सीखा, तो कम से कम हम बीमार तो नहीं पड़े, और अगर हम बीमार पड़े तो कम से कम हम मरे नहीं; इसलिए चलें हम सभी आभारी रहें!