ATM Full Form in Hindi: एटीएम एक ऐसी मशीन जिसने लोगों की जिंदगी को बहुत आसान कर दिया है. एटीएम होने की वजह से आज हम सबकी समय की बर्बादी भी नहीं होती. क्योंकि पैसे निकालने के लिए बैंक जाना और कागजी कार्यवाही पूरी करनी पड़ती है. और इस प्रक्रिया में समय की भी बर्बादी होती है. अभी तो ज्यादातर लोग कैश निकालने के लिए एटीएम का ही इस्तेमाल करते हैं. इसकी सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहती है.
आपका अगर किसी बैंक में अकाउंट है तो एटीएम भी आप जरूर इस्तेमाल करते होंगे? अवश्य ही आपने एटीएम कार्ड के माध्यम से एटीएम मशीन से पैसे निकाले या निकवाए होंगे. आजकल लोग कैश के लिए बैंकों से ज्यादा एटीएम से निकालना आसान समझते हैं. लेकिन एटीम का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोगों को उसका फुल फॉर्म नहीं पता है. तो चलिए आपको एटीएम के फुल फॉर्म के साथ इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं.
एटीएम का फुल फॉर्म – ATM Full Form in Hindi
एटीएम से संबंधित जरूरी जानकारी – Informations about ATM
1. एटीएम से कैश निकालने के लिए दो तरह के कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड.
2. इसमें से क्रेडिट कार्ड के मुकाबले डेबिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है.
3. तमाम बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम की सुविधा देती है.
4. एटीएम का इस्तेमाल करने के लिए एक पिन नंबर की आवश्यकता होती है. आपका एटीएम कार्ड अगर खो भी जाता है तो बगैर पिन नंबर जाने कोई आपके पैसे नहीं निकाल सकता.
5. इसके साथ आप अपना मेबाइल नंबर रजिस्टर कर सकते हैं ताकि हर लेन-देन की जानकारी आपको मोबाइल पर मिलती रहे.
6. एटीएम की सुविधा के लिए बैंक अलग से चार्ज करता है.
7. समय-समय पर अपना पिन नंबर बदलते रहें.
कैसे काम करता है एटीएम? – How ATM Works
एटीएम के प्रकार – Types of ATM
1. Online ATM
2. Offline ATM
3. On-Site ATM
4. Off-Site ATM
5. White Label ATM
6. Yellow Label ATM
7. Brown Label ATM
8. Orange Label ATM
9. Pink Label ATM
10. Green Label ATM
एटीएम का आविष्कार – ATM Invention
एटीएम का आविष्कार लूथर जॉर्ज सिमियल ने किया था. इनके प्रयासों की वजह से साल 1961 में सिटी बैंक में न्यूयॉर्क में दुनिया का सबसे पहला एटीएम लगाया गया था. तब एटीएम को बैंकोग्राफ के नाम से जाना जाता था. लेकिन उस समय के लोग ग्राहक फॉर्म भरकर या सीधा बैंक में जाकर ही लेन-देन करना आसान व सुरक्षित समझते थे.
यही कारण है कि उस वक्त एटीएम को उतनी ज्यादा प्रसिद्धि नहीं मिल पाई थी. इसके परिणामस्वरूप सिटी बैंक ऑफ न्यूयॉर्क में लगाया गया एटीएम (ATM Full Form in Hindi) सिर्फ 6 महीने में ही हटा दिया गया. फिर वर्ष 1966 में जापान में एक एटीएम लगाया गया, जिससे बैंकों को बहुत लाभ हुआ.
एटीएम लगने से बैंक के कर्मचारियों के पास समय की बचत होने लगी जिससे वे बाकी कामों में ध्यान देने लगे. बैंकों में होने वाली भीड़ भी काफी कम होने लगी. इसे देखते हुए जापान के अन्य बैंकों में भी एटीएम लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई. धीरे-धीरे अन्य देशों के लोगों को भी यह सेवा खूब पसंद आने लगी. शुरू से ही विकसित देशों में एटीएम का विकास समान रूप से चला.